एसएसपी से मामले के खुलासे व आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही की मांग
अयोध्या। पौराणिक महत्व के श्री राम द्वारा स्थापित मंत्रेश्वर महादेव के शिवलिंग व अर्घा को लाकडाउन के दौरान खोदकर गड़े खजाने व आभूषण को लूटने की तोहमत मन्दिर परिसर निवासी शिव रतन सिंह पर मौजा जनौरा के क्षेत्रवासियों ने लगाया है। एस0एस0पी0 से ग्रामीण धीरेन्द्र प्रताप सिंह, ऋतुराज सिंह, अरविन्द कुमार सिंह, अमरदीप सिंह, शशिभान सिंह महेन्द्र प्रताप सिंह आदि ने तहरीर देकर प्रकरण का खुलासा करने, भगवान की लूटी सम्पदा बरामद करने व आरोपी के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कर विधिक व दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग किया है।तहरीर कहा गया है कि शिव पुराण में वर्णित है कि जब कभी भगवान के विग्रह (शिवलिंग या मूर्ति) प्राणप्रतिष्ठित की जाती है तो उसके रत्न, आभूषण, द्रव्य आदि नीचे भूमि में अर्पित किये जाने का धार्मिक प्रावधान है। मंत्रेश्वर महादेव का शिवलिंग जब प्राण प्रतिष्ठित किया गया तो विग्रह के नीचे रत्नाभूषण अर्पित किया गया था। आरोपी शिव रतन ने लाकडाउन का फायदा उठाते हुए पुजारी सचिन कनौजिया को भगा दिया और शिवलिंग व चबूतरा खोदक गड़ा धन निकाल लिया तथा दूसरा चबूतरा बनवा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर लिखित शिकायत की गई। यह भी अवगत कराना है कि तीर्थ मन्दिर मे ग्रहस्थ के निवास का धार्मिक अधिकार नही होता जबकि शिवरतन सिंह अपने परिवार के साथ मन्दिर में ही रहते हैं।
तहरीर मे कहा गया है कि दिनांक 09 मई 2020 पर पुलिस चौकी फतेहगंज के उपनिरीक्षक नवनीत यादव को विवेचना करने का दायित्व सौंपा गया। उन्होनें एस0एस0पी0 महोदय को 20 मई, 2020 को जो जांच आख्या सौंपी जो झूठ का पुलिंदा है। शिवरतन सिंह आदि दर्ज 4(स) किस अधिकारी के आदेश से है और नियमानुसार है या फर्जी निरस्त योग्य है। फरेबी शिवरतन सिंह ने पूर्व मे दिनांक 24 अगस्त, 2015 को मन्दिर परिसम्पत्ति के विवाद मे सार्वजनिक प्रार्थना-पत्र मे स्वयं सार्वजनिक पौराणिक स्वीकार किया है। पर्यटन विभाग ने उपरोक्त धर्मस्थल की बाउण्ड्री एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया एवं इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्प लगवाया।
तहरीर मे कहा गया है कि उपरोक्त श्री मंत्रेश्वर महादेव मन्दिर, जनौरा का फैजाबाद गजेटियर सन् 1902 मे तत्कालीन आई0सी0एस0 आर0सी0 होबर्ट, जिलाधिकारी फैजाबाद ने पौराणिकता को देखते हुए एक समिति (एडवर्ड अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा) गठन किया था। जिसके द्वारा तीर्थ स्थलों पर शिलालेख लगाया गया। श्री मंत्रेश्वर महादेव मन्दिर का शिलालेख संख्या-92 मौजूद है एवं तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर पी0 कार नेगी, स्व0 लाला सीताराम, हंसबेकर व आचार्य रामदेवदास शास्त्री व धर्मग्रन्थ (रूद्रयामल अयोध्या महात्म) आदि सहित हजारों अधिकारी, लेखक, साहित्यकार, इतिहासकार, पर्यटकों ने विभिन्न भाषाओं में लिखी पुस्तकों मे उक्त श्री मंत्रेश्वर महादेव मन्दिर की धार्मिक ऐतिहासिकता, पौराणिकता का उल्लेख किया है।
तहरीर में कहा गया है कि कुछ दिन फ्राडकर्ता शिवरतन इधर-उधर घूमकर श्री मंत्रेश्वर महादेव मन्दिर मे बने स्थान मे अवैधानिक रूप से रहने लगे। समाज के लोगों ने उपेक्षा, दयाभाव वश कुछ कहा, बीच मे गुपचुप ढंग से भू-अभिलेखों मे गाटा सं0-588 (अ0न0पा0 जनौरा) पर वर्ग 4(स) अपने नाम शिवरतन ने दर्ज करवा लिया। गांव वालों को जब शिवरतन की करतूतों को पता चला तो 08 मई, 2020 को डायल 112 को सूचित कर बुलाया। इस पर भी कुछ नहीं हुआ तो ग्रामवासियों ने 103 हस्ताक्षर युक्त प्रार्थना पत्र कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री को दिया। अवगत कराना है कि विवचेना अधिकारी ने दोषी के विरूद्ध कार्यवाही के स्थान पर उसको लाभ पहुंचाने का कार्य किया है।