खूबसूरत मन 2009 के बाद अब खूबसूरत मन 2020
अयोध्या। खूबसूरत मन प्रतियोगिता -2020 में प्रतिभाग करने के लिये मनदर्शन हेल्पलाइन 9453152200 के व्हाट्सएप्प नम्बर पर अपना फेसबुक लिंक या व्हाट्सएप लिंक शेयर करना है जिसका विश्लेषण करने के उपरांत चयनित लोगों को टीम मनदर्शन द्वारा ऑनलाइन सम्पर्क किया जायेगा और फिर टेलिफ़ोनिक इन्टरव्यू के माध्यम से उनके मनोगतिकीय पहलू के निदानोपरांत विजेताओं की फाइनल सूची तैयार होगी।
मनदर्शन मिशन द्वारा सितम्बर 2009 में आयोजित ‘खूबसूरत-मन प्रतियोगिता’ में चुने गये 21 विजेताओं का भव्य एतिहासिक अवार्ड समारोह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद शहर में 19 नवम्बर 2009 को संपन्न होने के 11 वर्ष पश्चात जन मानस में बढ़ती मानसिक ख़ूबसूरती के परखने की चाहत के मद्देनजर प्रतियोगिता पुनः 1 मार्च 2020 से शुरू की जा रही है। प्रतियोगिता के समन्यवक डॉ सी पी शुक्ला ने बताया कि दुनिया भर में समस्त अन्य प्रकार की खूबियों को परखने और सम्मान देने की ढेर सारी प्रतियोगिताएँ होती रही है | परन्तु 11 वर्ष पूर्व मानसिक सुन्दरता को परखने की इस अनूठी खूबसूरत मन 2009 प्रतियोगिता ने लोगों को एक ऐसा दर्पण प्रदान किया जिससे वो अपने मन की खूबसूरती को परख सके | इस प्रकार लोगों में अपनी मानसिक सुन्दरता को जानने की अपार उत्सुकता को देखते हुए इस खूबसूरत-मन प्रतियोगिता ने लोकप्रियता के उचाईयों को छू लिया, जिसका प्रमुख कारण इसमे आम जनता की निशुल्क प्रतिभागिता तथा फोन द्वारा घर बैठे ही इसमें शामिल होने की सुलभता रही |
स्वस्थ व सुन्दर मन के वैश्विक मिशन के प्रति समर्पित ‘मनदर्शन-मिशन’ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता के जनक मनोविश्लेषक व माइंड डिज़ाइनर डॉ. आलोक मनदर्शन’ के सघन मानसिक शोध के पश्चात् आम जनता में मन की खूबसूरती का अविर्भाव कर विश्व समाज को खूबसूरत बनाने की परिकल्पना के तहत इस अनूठी प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया गया था | इस दिलचस्प प्रतियोगिता में प्रतिभागियों में अपने मन की सुन्दरता को जानने की अपार उत्सुकता दिखी | 4000प्रतिभागियों में से इस अवार्ड समारोह में चुने गये 21 लोगों को खूबसूरत-मन अवार्ड दिया गया था |
इस प्रतियोगिता के विजेताओं को ‘खूबसूरत-मन अवार्ड’ के साथ ‘मनदर्शन दूत’( Mandarshan Ambassador )का दायित्व भी सौपा गया है जिससे कि इस खूबसूरत मिशन में इनका सक्रिय योगदान हो सके |
खूबसूरत-मन प्रतियोगिता – 2009 में केवल 21 विजेताओं के चुने जाने के बाद प्रतियोगिता के जनक डॉ. आलोक मनदर्शन’ ने बताया कि न चुने गए प्रतियोगियों में कुछ न कुछ व्यक्तित्व-विकार (Personality Disorder ) मौजूद रहे है | इनमे सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की थी जो बनावटी व्यक्तित्व-विकार (Histrionic Personality Disorder )-(60 प्रतिशत) से ग्रसित थे, दूसरा प्रमुख व्यक्तित्व-विकार स्वार्थी व्यक्तित्व-विकार (Narcissistic Personality Disorder) रही-(30 प्रतिशत), तीसरे नंबर पर ईर्ष्यालु व शंकालु व्यक्तित्व-विकार (Paranoid Personality Disorder)-(8 प्रतिशत) तथा चौथे नंबर पर नकारात्मक व्यक्तित्व-विकार (Nihilistic Personality Disorder)-(2 प्रतिशत) पाया गया |
इन ‘चार व्यक्तित्व-विकारों’ को अतिगंभीर व नकारात्मक मानक मानते हुये ऐसे व्यक्तित्व-विकार से ग्रसित लोगों को प्रथम चरण से ही प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया | तत्पश्चात शेष बचे लोगों में खुशमिजाजी (Sense of Humor), मानवीय पहलुओं के प्रति संवेदनशीलता (Altruism), रचनात्मकता (Creativity) तथा भावनात्मक परिपक्वता (Emotional Maturity) का स्तर जांचा गया |