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संदिग्ध परिस्थितियों में महंत नरेंद्र गिरि का मौत, शिष्य आनंद गिरि पुलिस हिरासत में

बाघम्बरी मठ आश्रम में फांसी के फंदे से लटकता मिला शव

प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार देर शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम में फांसी के फंदे से लटकता मिला। मामले की जानकारी पाते ही प्रयागराज जोन के आईजी, डीआईजी और एसएसपी घटनास्थल पहुंचकर पड़ताल में जुट गए हैं। पुलिस का मानना है कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का ही मामला लग रहा है। उनके कमरे से कई पन्नों का एक सुसाइट नोट मिलने की भी बात कही जा रही है। जिसमें उन्होंने मानिसक प्रताड़ना और अपने शिष्य आनंद गिरी को इसका दोषी बताया है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने इस मामले में बयान जारी कर कहा कि महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला है। उनके शिष्यों द्वारा दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। महंत के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइट नोट में मानसिक रूप से परेशानी से परेशान होकर यह कदम उठाने का जिक्र किया है। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल में जुट गई है। बताते चलें कि महंत नरेन्द्र गिरी राममंदिर आंदोलन से जुड़ने के साथ ही मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। अक्टूबर 2019 में हुई 13 अखाड़ों की बैठक में नरेन्द्र गिरी काके दोबारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था।

जानकारी के मुताबिक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। पुलिस के मुताबिक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघंबरी मठ में फांसी के फंदे से लटकता मिला, इसके अलावा मठ का गेट भी चारो तरफ से गेट बंद मिला। पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर इसे आत्महत्या बताया है। फिलहाल फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच चुकी है और भारी पुलिस फोर्स घटनास्थल पर मौजूद है।

साधु संतों ने मामले की जांच की मांग की

-अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद अयोध्या में भी साधु संतों ने मामले की जांच की मांग की है। अयोध्या में हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा की उनकी मौत बहुत ही दुखद है साथ ही सनातन धर्म संस्कृति के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। साथ ही उनकी मौत साधु समाज के लिए भी बहुत बड़ी क्षति है।

इस दौरान राजू दास ने कहा कि नरेंद्र गिरी जी हमेशा सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा सुरक्षा के लिए निरंतर तत्पर रहते थे। उनकी इस तरह से मौत अत्यंत ही दुखद है। इस दौरान राजू दास ने महंत नरेंद्र गिरी की मौत को हत्या बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यह मौत नहीं हत्या है इसकी ऐसी जांच होती दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में लिया

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की मौत के मामले में उत्तराखंड पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने आनंद गिरि को अपनी हिरासत में ले लिया है। हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया। आनंद गिरि ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि गुरूजी की हत्या की जांच हो।

अखिलेश यादव ने जताया शोक

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है।अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन, अपूरणीय क्षति! ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। भावभीनी श्रद्धांजलि।

सीएम योगी ने व्यक्त किया खेद

वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर सीएम योगी ने खेद व्यक्त करते हुए लिखा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!

शिष्य आनंद गिरि ने कहा महंत की हुई हत्या

महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर शिष्य आनंद गिरि ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि गुरुजी की हत्या की गई और इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए। आनंद गिरि ने कहा कि कुछ लोग हमारे और गुरुजी के बीच दरार पैदा करने की कोशिश में लगे हुए थे और कुछ लोग नरेंद्र गिरि को घुन की तरह खाने का काम कर रहे थे। आनंद गिरि का कहना है जब मेरी बात हुई थी तो गुरुजी पूरी तरह स्वस्थ थे और कोरोना तक को मात दे चुके थे।

सुसाइड नोट हुआ बरामद

पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने आनंद गिरि पर ही परेशान करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं सम्मान के बगैर नहीं जी सकता। वसीयत से संबंधित बात भी इसमें लिखी होने की बात सामने आ रही है।

मौत की जांच हो : स्वामी चक्रपाणि

हिन्दू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा, “अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी जी के निधन की सूचना मिली जो बहुत ही आहत करने वाला है। ये सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ी क्षति है। ये अपूरणीय क्षति है. प्रशासन से मांग है कि उनकी मौत की निष्पक्षता से जांच की जाए।”

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई. प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!”

गृह मंत्री अमित शाह ने भी जताया शोक

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शोक जताते हुए कहा, “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का पूरा जीवन अध्यात्म व धर्म के प्रचार, उत्थान व मानव सेवा को समर्पित रहा। उनके देवलोकगमन से हमने सनातन संस्कृति का एक देदीप्यमान नक्षत्र खो दिया है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. ॐ शांति”।

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