महामना की 157 वी जयंती पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी अर्पित की गई पुष्पांजलि
अयोध्या। शिक्षा क्रांति के अग्रदूत पत्रकार संपादक समाज सुधारक वह एक कुशल अधिवक्ता के रूप में प्रतिष्ठित महामना सही अर्थों में आजादशत्रु थे उक्त बातें हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अधिवक्ता मनीष पान्डेय ने लक्ष्मण घाट स्थित नया शीश महल मंदिर में आयोजित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की 157 वी जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह मे उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित के दौरान कही श्री पान्डेय ने आगे कहा कि अछूतों के प्रति विशेष सम्मान व सहानुभूति की भावना रखने वाली महामना यह मानते थे कि देशभक्ति व्यक्ति का कर्तव्य नहीं बल्कि धर्म है मंदिर के महंत सिया शरण जी महाराज ने कहा कि गंगा के प्रति मालवीय जी को अगाध प्रेम था अंग्रेजी सरकार द्वारा जब गंगा की धारा को अशुद्ध किया गया था तब उन्होंने गंगा महासभा की ओर से इसके लिए व्यापक सत्याग्रह अभियान चलाया था हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष वह महंत राम लोचन शरण शास्त्री राजन बाबा ने कहा कि श्रीमद् भागवत और गीता के विख्यात व्याख्या कार के रूप में मालवीय जी की आध्यात्मिक ऊर्जा व बौद्धिक कौशल को संत समाज हमेशा याद करता रहेगा मालवीय जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने वाले प्रमुख लोगों में राधेश्याम दास, सूरज शुक्ला, अरविंद शास्त्री ,सुधाकर सिंह, रिंकू तिवारी, महंत बलराम दास, महंत राजेश दास, छविराम दास, करण शास्त्री ,अर्जुन दास ,महंत रामप्रवेश दास, राजेंद्र सिंह, प्रवीण सनाढ्य ,चंद्रहास दीक्षित ,विनोद पान्डेय, आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित थे।