‘‘महमहाता हुआ ये चमन है मेरा, एकता में पिरोया वतन है मेरा’’

by Next Khabar Team
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एक शाम ग्रामर्षि के नाम आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

ग़ोसाईगंज। ग्रामर्षि पं० रामकुमार पांडेय ग्रामोदय आश्रम पीजी कालेज वीरसिंहपुर सया में एक शाम ग्रामर्षि के नाम पर आयोजित कवि सम्मेलन में विभिन्न विधाओं के कवियो ने अपनी रचनायें पढ़ कर लोगो को भाव विभोर कर दिया।कवि सम्मेलन की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना से नीलम कश्यप ने की। ताराचंद “ तनहा“ ने बेटियो पर अपनी रचना पढ़ी।पढ़े बेटियां, बढ़े बेटिया, आसमान तक चढ़े बेटियां है जितने नालायक बेटे, उनको थप्पड़ जड़े बेटियां।
शैलेंद्र मधुर की ये पंक्ति भी सराही गई.. “ हम हैं शंकर जहर ही पीते हैं, हम फटे ख्वाब रोज सीते हैं, हम हैं सीमा पे गोलियां खाते हम तिरंगे का दर्द जीते हैं। हरिनारायण हरीश ने अपनी ये रचना प्रस्तुत की .. “ जब जब कोई कर्ण बहाया जायेगा द्रोपदियों को जब नग्न कराया जायेगा।जब जब दुर्योधन जैसे शासक होगें, यहां महाभारत दोहराया जायेगा।“
रवीन्द्र शर्मा ने किसानो के दर्द को इस प्रकार प्रस्तुत किया। “ सभी को निवाले जो किसान देता है, फांसी लगाकर वही अब जान देता है।किसान भोला है उसे चालाकी नही आती, उसी को वोट दे देता जिसको जबान देता है। शैलेंद्र मासूम लखनवी ने अपनी इन पंक्तियो के माध्यम से शहीदो को नमन किया। “ महमहाता हुआ ये चमन है मेरा, एकता में पिरोया वतन है मेरा। देशहित प्राण अपने न्योछावर किये, उन शहीदो को शत शत नमन है मेरा।“
अभय सिंह निर्भीक कि ये पंक्तियां भी खूब सराही गई.. शांति मंत्र की माला जप कर केवल ये ही पाया है।सेना पर पत्थर बरसे हैं, सैनिक का शव आया है। क्षितिज कुमार ने पढ़ा ..मुश्किल बहुत है अपनी बुराई में झांकना, जैसे किसी पहाड़ से खाई में झांकना। कवि जयदीप पांडेय की ये पंक्तियां भी सराही गई …“ रंग सुनहरा नाजुक चेहरा, होंठो पर मुस्कान लिये।लाखो परियों में दिखती हैं एक अलग पहचान लिए।“
कवियत्री नीलम कश्यप ने पढ़ा .. “ गीत हमारे चंदन चंदन करती हूं सबका अभिनंदन, छंद सवैया राधा जैसे गजले गोकुल वृन्दावन।“ कवि अनिल तेजस्व ने ओज की पंक्तियां पढ़ कर सभी को ताली बजाने के लिए विवश कर दिया। उन्होने पढ़ा कि.. तिरंगा हाथ में लेकर वतन की आन लिख देना, कलम में आग भरके विजय यशगान लिख देना।
मशहूर कवियत्री शविस्ता ब्रजेश ने अपना दर्द कुछ यू बयां किया.. हाले दिल फिर सुना गया कोई, मुझको फिर से रुला गया कोई।सिर्फ लहरो को देखने के लिए, रेत पर घर बना गया कोई।“ इसके अतिरिक्त अशोक स्नेही, शलभ फैजाबादी, कमलेश मौर्य मृदु, उपेन्द्र पांडेय, अशोक टाटंबरी, कनक तिवारी, आशीष अनल, अनु सपन समेत दो दर्जन कलमकारो ने अपनी रचनायें प्रस्तुत की।
इससे पूर्व कवि सम्मेलन का शुभारंभ अंबेडकरनगर के सांसद व महाविद्यालय के प्रबंधक डा हरिओम पांडेय ने दीप प्रज्जवलित कर व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा सभी कवियों को शाल ओढ़ा कर किया।कवि सम्मेलन का संचालन डा कमलेश राजहंस ने किया जबकि अध्यक्षता कवि रवीन्द्र शर्मा ने की। इस अवसर पर अतिथियों में महाप्रबंधक गन्ना मिल प्रदीप सालार, भाजपा अयोध्या जिलाघ्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, भाजपा नेता पंकज सिंह, महाविद्यालय के प्राचार्य डा राकेशचंद्र तिवारी, मुख्य नियंता डा चंद्रप्रकाश मिश्रा, डा. यमुना सिंह, डा राजाराम शर्मा, डा. अनुपम पांडेय, कल्पना महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक अवनीश पांडेय, डा अंजनी चतुर्वेदी, डा. नरेंद्र पांडेय, डा विनोद तिवारी, डा. राजेश तिवारी, डा. कृष्णगोपाल त्रिपाठी, डा हरीश सिंह व डा राजेश मिश्रा , डा. दिनेश मिश्रा, शिवशंकर मिश्र, रामबिलास तिवारी समेत ग्रामोदय शिक्षण संस्थान के सभी स्टाप उपस्थित रहे।

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