अयोध्या। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई कदम उठा रही है, फिर भी आबादी के अनुरूप, ग्रामीणांचलों और सुदूर शहरी क्षेत्रों मे आज भी आमजनता योग्य चिकित्सकों की कमी है । इस विषय पर “मन की बात में अबकी बार होम्योपैथ की सुनो सरकार“ अभियान की क्रमिक शुरुआत के लिए होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में जानकारी देते हुए महासचिव डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा प्रचलित चिकित्सा पद्धति के दुष्परिणाम के चलते आमजनता का विश्वास होम्योपैथी में लगातार बढ़ रहा है किंतु अस्पतालों व चिकित्सकों की कमी लगातार बनी हुई है। 2014 से ही हम लोग सरकारों से मांग करते रहे हैं कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सभी पंजीकृत चिकित्सकों की सेवा अनिवार्य कर दी जानी चाहिए। इस हेतु महासंघ का सुझाव है कि निश्चित आबादी पर निजी होम्योपैथ चिकित्सकों को सहयोग स्वरूप भूमि/भवन/दुकान आवंटित कर ओपीडी समय मे मानदेय आधारित सेवा का अनुबन्ध किया जाए। डॉ दीपक सिंह ने कहा यदि सरकार इस सुझाव पर विचार करती है तो तीन लाभ तय हैं कि सरकार को कम समय व लागत में आम जनता को योग्य चिकित्सकों की उपलब्धता हो सकेगी और स्वावलम्बन की दृष्टि से युवा चिकित्सकों को पर्याप्त सेवा का अवसर भी मिल सकेगा।
मन की बात में अबकी बार होम्योपैथ की सुनो सरकार
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