मवई थाना क्षेत्र के जानकी का पुरवा गांव का मामला
रूदौली। मवई थाना क्षेत्र के जानकी का पुरवा मजरे पकड़िया गांव में नाली के विवाद में एक परिवार पर आधा दर्जन दबंगों ने खूब कहर ढाया। मरणासन्न हालात में घायलों को डायल 100 ने अस्पताल तो पहुंचाया लेकिन थाने की पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की।दबंगों के खिलाफ संगीन धाराओं के बजाय सिर्फ 323 व 147 में केस दर्ज किया।इतना ही नहीं घटना दिवस से ही घायल श्रीचंद्र समेत पूरा परिवार अस्पताल में जिंदगी व मौत से जूझ रहा है और पुलिस यहां पीड़ित पर ही सुलह कर लेने का दबाव बना रही है।
जानकारी के अनुसार जानकी पुरवा गांव निवासी श्रीचंद्र और विद्यावती के बीच नाली को लेकर विवाद चल रहा है।चार जनवरी को श्रीचंद्र शौच के लिए निकला था इसी दौरान मनीराम,उमेश,महेश,विद्यावती व गनेशा ने श्रीचंद्र पर लाठी-डंडों से हमला बोलघ् दिया।बीच बचाव करने आई श्रीचंद्र की पत्नी व बच्चों को भी मरणासन्न कर दिया था।सूचना पर यूपी 100 के सिपाहियों ने सभी घायलों को थाने ले गई और बाद में सीएचसी मवई से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ महज धारा 323 व 147 में केस दर्ज किया है।
रविवार को थाने के हल्का दरोगा पीड़ित श्रीचन्द्र के घर पहुंचे और मामले में सुलह कर लेने का दबाव बनानेघ् लगे।इस दौरान ग्रामीणों में पुलिस के प्रति आक्रोश इसलिए व्याप्त हो गया कि मारपीट में बुरी तरह घायल भी श्रीचंद्र का परिवार हुआ,जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और अब उल्टा पुलिस कोर्ट कचहरी या फिर कप्तान के यहां न जाने की धमकी भी दे रही है।पीड़ित श्रीचंद्र के पिता का आरोप है कि पुलिस न्याय करने के बजाय सेटिंग-गेटिंग में लगी है।तभी तो मरणासन्न स्थिति में होने के बावजूद कार्रवाई में सिर्फ खानापूर्ति हुई है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी अमर सिंह ने कहा कि यदि हल्के का दरोगा मौके पर गया हो और उसने दबाव बनाने कीघ् कोशिश की हो तो पीड़ित शिकायत करे।जांच के बाद दरोगा के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति करेंगे।घायल पक्ष को बेहतर न्याय क्यों नहीं मिल रहा है।घ्इसकी भी जांच कराएंगे।उधर मवई थानाध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि दोनों पक्षों का 323 व 147 में केस दर्ज है।श्रीचंद्र को जिला अस्पताल भेजकर इलाज काराया जा रहा है। मामले में न्यायोचित कार्रवाई होगी।