अयोध्या। अयोध्या की लोक चित्रकलाओं के पौराणिक स्वरूप को विश्लेषित करने वाली पुस्तक ’’पौराणिक अयोध्या की लोक चित्रकला’’ पुस्तक का विमोचन किया गया। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग की सहायक आचार्य डॉ0 सरिता द्विवेदी ने बहुत ही सुसंगत तरीके से पुस्तक लेखन का कार्य किया है।
डॉ0 द्विवेदी द्वारा लिखित इस पुस्तक का विमोचन दिनांक 09 अप्रैल व 10 अप्रैल को आयोजित हुए ’’उत्तर-प्रदेश उत्तराखण्ड आर्थिक संघ की 16वीं वार्षिक राष्ट्रीय आर्थिक अधिवेशन’’ के अवसर पर डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो0 अशोक मित्तल, अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह, डॉ0 एन0एम0पी0 वर्मा पूर्व कुलपति बी0 बी0 ए0 केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ तथा यू0पी0यू0ई0ए0 के अधिवेशन अध्यक्ष प्रो0 प्रहलाद कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया।
डॉ0 द्विवेदी ने बताया की कुलपति आचार्य रविशंकर सिंह की निरंतर प्रेरणा तथा पूर्व कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित के शैक्षणिक सहयोग तथा फाईन आर्ट्स विभाग के समन्वयक प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव के हर स्तर पर दिशा-निर्देश के फलस्वरूप यह पुस्तक मूर्त रूप ले सकी है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में अवध की लोक कला से सम्बंधित विभिन्न ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक वृतान्तो को विभिन्न तथ्य परक सांस्कृतिक स्वरूपो के अन्तर्गत पॉच अध्याओं में विश्लेषित किया गया हैं। इस उपलब्धि पर प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डॉ0 प्रिया कुमारी, डॉ0 अलका श्रीवास्तव, डॉ0 सविता देवी, फाईन आर्ट्स विभाग की सहयोगी शिक्षिकाएं पल्लवी सोनी, रीमा सिंह एवं श्रीमती सरिता सिंह के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षको, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी हार्दिक शुभकानाएं प्रेषित की।