♦कद्दावर नेता जयकरन वर्मा ने बसपा से तोड़ा नाता
फैजाबाद। बहुजन समाज पार्टी में रहते हुए दलितों, पिछड़ों और किसानों के हक की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है। यह एक मात्र ऐसी पार्टी है जहां जनता की बुनियादी समस्याओं को लेकर जन आन्दोलन करने की मनाही है। यह विचार शाने अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बसपा के कद्दावर नेता जयकरन वर्मा ने बसपा से नाता तोड़ने के बाद व्यक्त किया। बसपा से नाता तोड़ने वाला जयकरन वर्मा पार्टी में विधान सभा अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष, जिला महासचिव, जिला प्रभारी, कुर्मी भाईचारा कमेटी प्रभारी, मण्डल कोआर्डिनेटर, जोनल कोआर्डिनेटर जैसे पदों पर रहे वहीं उन्होंने 2017 के विधान सभा चुनाव में अयोध्या विधान सभा क्षेत्र से प्रत्याशी भी घोषित किये गये थे।
पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि संघर्षशील नेताओं में होती है इनकी पहचान, उन्होने कहा कि संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे है उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है। इस पार्टी में बाबूओं की जरुरत है नेताओं की नहीं। श्री वर्मा ने कहा कि जल्द ही फैजाबाद मण्डल के सभी समर्थकों की एक बैठक बुलाकर उनसे विचार विमर्श करने के बाद अपने नये राजनितिक पारी का ऐलान करेंगे। समर्थकों व कार्यकर्ताओं का लगातार इस बात का दबाव रहा कि यह पार्टी उनके सम्मान को बचाये रखने के लिये कोई कदम नहीं उठाती। आने वाले समय में बसपा के हजारों समर्थक पार्टी से इस्तीफा देने को तैयार है। इस मौके पर पंकज वर्मा, रंजीत शर्मा, बब्लू गुप्ता, विवेक वर्मा, बिहारी लाल यादव, श्याम बिहारी सरोज, राजेश कनौजिया, गवास वर्मा, मुन्ना पासी, सन्तोष पासवान, बब्लू वर्मा, सुरेन्द्र वर्मा, गौरव कोरी, राजेश रावत, मनीष वर्मा, योगेन्द्र वर्मा, राजू वर्मा, भवानी मौर्या, गौरव पटेल, सत्तू सिंह, अर्जुन यादव, मनोज कुमार, दिलीप, गोपी वर्मा वा सैेकडो लोग मौजूद रहे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.