-सूचना पर पहुंचे डोगरा रेजिमेंट के अधिकारी अंतिम यात्रा में हुये शामिल
सोहावल।आजादी के बाद भारत पाकिस्तान के बीच हुए दो युद्ध में हिस्सा लेकर सेना में हवलदार पद से रिटायर हुये देश के लाल किला कपासी निवासी राम देव दूबे पुत्र स्वर्गीय इंद्रपाल दूबे उम्र लगभग 85 वर्ष का मंगलवार की रात पैतृक गांव में निधन हो गया। कुछ दिनों से बीमार चल रहे दूबे का इलाज लखनऊ के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। वहां से जवाब होने के बाद परिजन घर ले ले आये थे। बीती रात 9 बजे अंतिम सांस ली।
25 जुलाई 1942 में जन्मे दूबे ने सिकंदराबाद रेजीमेंट के जरिए अगस्त 1963 में लिपिक के पद से सेना को ज्वाइन किया था। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1971 और 1975 दोनों युद्ध में सक्रिय भागीदारी निभाई। सेवाकाल पूरा कर 24 जुलाई 1980 में हवलदार के पद पर रहते हुए रिटायरमेंट ले लिया। पत्नी शीला दुबे उर्फ शोभावती सहित एक पुत्र अविनाश दूबे और तीन शादीशुदा पुत्रियां पीछे छोड़ गये।
दूबे के निधन की सूचना पाकर घर पहुंचे डोगरा रेजीमेंट से हवलदार सुनील कुमार नेतृत्व कर रहे सूबेदार विवेक कुमार के साथ शमा शर्मा,सागर सिंह वर्मा ने दिवंगत देश के लाल की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सौंपा और शव यात्रा के दौरान कंधा दिया। पूरे सैनिक सम्मान के साथ विदा किए गए दूबे का अंतिम संस्कार पवित्र सरयू तट ढेमवा घाट पर किया गया। यहां इनके पुत्र ने मुखाग्नि दी। सेना की तरफ से पुष्प चक्र चढ़ाया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग व ग्रामीण मौजूद रहे। जिन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की है