-सतत स्वास्थ्य एवम भविष्य के लिए श्रीअन्न विषय पर आयोजित हुई विज्ञान संगोष्ठी
अयोध्या। शहर के एसएसवी इंटर कॉलेज में चल रही 52 वीं राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के दूसरे दिन बुधवार की शाम विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी सतत स्वास्थ्य एवं भविष्य के लिए श्रीअन्न विषय पर आधारित रही। संगोष्ठी में वक्ताओं ने श्री अन्न को लेकर भविष्य की संभावनाओं को व्यक्त किया। मुख्य वक्ता हरदोई की विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. ऐमन नफीस ने कहा कि महिलाओं के लिए श्रीअन्न बहुत अच्छा अनाज होता है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न से आयरन पर्याप्त मात्रा में मिलता है यह अन्य शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि कुछ विशेष प्रकार के अनाज सूखे स्थान पर भी पैदा किया जा सकते हैं। इससे जल संरक्षण भी होता है। वन अर्थ, वन फैमिली एंड वन फ्यूचर की परिकल्पना के साथ आत्मसात करने की ज़रूरत है। वर्ष 2023 के राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. रमाशंकर पांडेय ने श्रीअन्न को मानव जीवन के लिए वरदान बताया।
उन्होंने कहा कि भोजन हमारी प्राथमिक आवश्यकता है। ऐसे में भोजन पौष्टिक हो, स्वस्थ वर्धक हो इसपर फोकस होना चाहिए। डॉ पाण्डेय ने कहा कि शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। अगर वह श्री अन्न से मिलता है तब भविष्य के लिए शरीर को तैयार करता है। कालांतर में घास की प्रजातियों के भोजन की आवश्यकता बढ़ी। उसकी खेती शुरू हुई और यायावरी जीवन एक स्थान के जीवन के साथ शुरू हो गया। जब तक देश में हरित क्रांति नहीं आई तब तक देश के हालात खराब थे। बाद में मोटे अनाज जीवन का हिस्सा बनें। जो पोषण देते हैं। प्रयागराज के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक बृजेश दीक्षित ने श्रीअन्न विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समय के साथ सब कुछ बदलता है।
पहले मोटे अनाज ही सभी के घर का हिस्सा होते थे। लेकिन बाद में आधुनिकता के जीवन ने इसे बदल दिया। फाइबर की उपादेयता बदल गयी। और मनुष्य अस्वस्थ रहने लगा। संगोष्ठी के आरंभ में एसएसवी इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। बाल निकुंज इंटर कॉलेज लखनऊ की छात्रा निशा कश्यप ने काव्य पाठ प्रस्तुत कर सभी को विभोर कर दिया तो कौशांबी की नीलिमा सिंह ने श्रीअन्न पर आधारित लोकगीत की मनोहारी प्रस्तुति दी। राज्य विज्ञान शिक्षण संस्थान प्रयागराज की प्रोफेसर डॉ. ममता द्विवेदी ने अतिथियों का स्वागत और संयोजक एसएसवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मणि शंकर तिवारी ने धन्यवाद व्यक्त किया। संचालन विवेकानंद पांडेय ने किया। इस दौरान सभी 18 मंडलों के प्रभारी और बाल वैज्ञानिक सहित विद्यालय के शिक्षक मौजूद रहे।
18 मंडलों के बाल वैज्ञानिकों ने अपने प्रदर्श का किया प्रस्तुतीकरण
52 वीं राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के दूसरे दिन बुधवार को सभी 18 मंडलों के बाल वैज्ञानिकों ने अपने प्रदर्श का प्रस्तुतीकरण किया। विभिन्न विषयों पर आधारित प्रदर्श रोमांच भर रहे थे तो बाल वैज्ञानिकों की नवाचार पर आधारित चिंतन का सहज ही प्रदर्शन भी कर रहे थे।
कुछ बाल वैज्ञानिकों ने आपदा प्रबंधन पर बेहतरीन प्रदर्श प्रस्तुत किया। कुछ ने श्रीअन्न और भविष्य की संभावनाओं को प्रदर्शित किया। प्रदर्शनी के दौरान बाल वैज्ञानिकों ने यातायात, आपदा, विद्युत, संचार, आवागमन सहित ऊर्जा पर आधारित कई मॉडल प्रस्तुत किए। बाल वैज्ञानिकों ने आधुनिक हो रही टोल प्लाजा को भी केंद्रित किया। वाहन चलाते समय शराब से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए टोल पर ही एक सिस्टम लगाने का प्रदर्श सभी को सोचने पर मजबूर किया।
लखनऊ के बाल बैज्ञानिक के इस प्रदर्श की खासियत रही की टोल प्लाजा से गुजरने पर वाहन में शराब होने की जानकारी वह टोल प्लाजा के जिम्मेदारों तक पहुंचा देता है। कमोवेश ऐसी ही मॉडल लोगों को अचंभित करते रहे। प्रदर्शनी का बापू बालिका इंटर कॉलेज, एमएलएमएल इंटर कॉलेज सहित कई विद्यालय के विद्यार्थियों ने अवलोकन किया। प्रदर्शनी में कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज, अवध विश्वविद्यालय और साकेत महाविद्यालय के प्रोफेसर, प्राध्यापक बाल वैज्ञानिकों के प्रदर्श का मूल्यांकन कर रहे हैं।