अयोध्या। शुक्रवार को को विशेष न्यायधीश एमपी-एमएलए एडीजे तीन अशोक दूबे की अदालत पर भाजपा के पूर्व विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू ने आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने पूर्व विधायक को अपनी अभिरक्षा में लेकर मंडल कारागार रवाना कर दिया।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू समेत तीन के खिलाफ साकेत कालेज प्रशासन ने फर्जी मार्कशीट लगाकर अगली कक्षा में प्रवेश लेने के आरोप में रामजन्मभूमि थाने में 16 फरवरी 1992 को धोखाधड़ी और कूटरचना की धारा में केस दर्ज कराया था। प्रकरण का विचरण करते हुए विशेष न्यायधीश एमपी-एमएलए एडीजे तीन की अदालत ने 18 अक्टूबर 2021 को पूर्व विधायक खब्बू समेत साकेत कालेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फूलचन्द यादव और चाणक्य परिषद के नेता कृपानिधान तिवारी को को सजा सुनाई थी।
वर्तमान में पूर्व विधायक सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर थे। इसी 16 मार्च को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व विधायक की अपील खारिज कर निचली अदालत को खब्बू को कस्टडी में लेने का आदेश दिया था,जिसको लेकर 21 मार्च को पूर्व विधायक आत्मसमर्पण करने एडीजे तीन की अदालत पहुंचे थे,लेकिन है कोर्ट का आदेश निचली अदालत पहुंचने के चलते अदालत ने आत्समर्पण प्रार्थना पत्र को स्वीकार नहीं किया था और पूर्व विधायक को बैरंग वापस लौटना पड़ा था । इसी मामले में आरोपी साकेत छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फूलचंद यादव दो दिन के समक्ष प्रार्थना पत्र देकर उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू को न्यायिक अभिरक्षा में लेने की प्रार्थना की। जिसको अदालत ने स्वीकार कर लिया।
अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने बताया कि प्रार्थना पत्र पर उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में विशेष जज एमपीएमएलए की अदालत ने पूर्व विधायक को इंद्र प्रताप तिवारी को अपनी अभिरक्षा में लेकर मंडल कारगार भेज दिया।