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देश की तरक्की के लिए महिलाओं का हुनरमंद होना आवश्यक : डॉ. बबिता वर्मा

-केला रेशा में नवाचार से संबंधित कराया जा रहा प्रशिक्षण

कुमारगंज। गांव की महिलाएं जो आर्थिक तंगी के चलते अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी तथा घर गृहस्थी के जंजाल में जिनकी ख्वाहिश पूरी नहीं कर सकी ऐसी महिलाओं के लिए नाबार्ड के सहयोग से ओंकार सेवा संस्थान एक नई आशा की किरण लेकर आया हैं । अमानीगंज विकासखंड के श्रीमती सियाराजी एन सी टी ओ पी टी इंटर कालेज मोहली में केला रेशा में नवाचार से संबंधित प्रशिक्षण कराया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रत्येक बैच में तीस महिला को प्रशिक्षण दिया जाना है किंतु कौतूहल और नवाचार के चलते हर बैच में पैतालीस से पचास महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज के सामुदायिक विज्ञान महा- विद्यालय की सहायक प्राध्यापिका डॉक्टर बबिता वर्मा ने महिलाओं को केला रेशा से विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बनाना और उसे आकर्षक बनाना सिखाया। डा. वर्मा ने कहा कि बिना खूबसूरत दिखे उत्पादों की सही कीमत नही मिल पाती है। ऐसे में हमे साज सज्जा का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है।

डॉक्टर बबिता वर्मा के साथ महाविद्यालय की डॉक्टर ममता आर्या ने महिलाओं को फूलो से रेशा की रंगाई करना,रेशा को चमकदार बनाना सिखाया। कार्यक्रम समन्वयक सूर्य कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की मांग देश के बड़े शहरों में बहुत है। इसके लिए संस्था के देश के प्रमुख शहरों में सरकार के साथ समन्वय स्थापित करके मेला और प्रदर्शनी के माध्यम से इनकी विक्री सुनिश्चित की जाएगी,जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके। केला रेशा निर्मित उत्पादों के व्यवसाय को व्यापक स्तर पर लंबे समय तक संचालित करने के लिए संस्था के आई आई टी कानपुर ,आई आई टी दिल्ली,आई आई टी खड़गपुर,राष्ट्रीय केला अनुसंधान संस्थान त्रिची, राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान कलकत्ता ,केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान मुंबई,उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर तथा नवसारी कृषि विश्वविद्यालय गुजरात के साथ एक समझौता किया जा रहा है जिससे अयोध्या में जनपद केला रेशा पर बड़ा कार्य हो सके।

उपरोक्त सभी संस्थान राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त संस्थान है जिनसे पारस्परिक सहयोग से जनपद की महिलाओं को निश्चित रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। निम्नलिखित बिंदुओ पर उपरोक्त संस्थानों के साथ आपसी सहमति बनी है।1- प्राकृतिक रेशा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी का हस्तांतरण, 2- अयोध्या तथा पड़ोसी जनपद में प्रशिक्षण तथा अनुसंधान के कार्यों को ओंकार सेवा संस्थान के साथ संचालित किया जायेगा,3- आवश्यकतानुसार किसानों और महिलाओं को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करना तथा एक्सपोजर हेतु उन्हें अपने केंद्र पर बुलाना, 4- हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के संबंध में समय समय पर प्रशिक्षण आयोजित करना, 5- उत्पादों की विक्री में आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करना । उपरोक्त बिंदुओ पर सहमति बनी है शीघ्र ही समझौता होगा ,कार्यक्रम में गीता सिंह ,अहिल्या देवी ,गुडंबा देवी ,गौरी त्रिपाठी , आरती शुक्ला ,मिथिलेश , प्यारा, शिव पति सहित तीसरे बैच की सभी महिलाएं उपस्थित रही ।

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