in ,

पेट में शिशु की मौत प्रकरण की जांच शुरू

-डॉक्टरों की टीम पहुंची प्रसव पीड़ित महिला के घर, परिजनों के दर्ज किए बयान

-महिला के पति व ससुर ने स्टाफ नर्स की अधीक्षक से की है शिकायत

मिल्कीपुर। मिल्कीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के अभाव में गर्भवती महिला के पेट में शिशु की मौत के मामले में शिकायतों के बाद जांच शुरू हो गई है। डॉक्टरों की टीम ने पीड़ित परिवार के घर पहुंच प्रसव पीड़ित महिला के परिजनों के बयान दर्ज किए। जांच कमेटी के डॉक्टरों में प्रसव पीड़ित महिला के परिजनों सहित आरोपी आशा बहू को भी तलब कर प्रकरण में गहन पूछताछ की है।

हालांकि डॉक्टरों की जांच टीम को अब तक की हुई जांच पड़ताल में प्रकरण में कुछ अहम सुराग हाथ लग गए हैं जो शिकायतकर्ता की शिकायत को पूर्णतया सत्य साबित करने के लिए पर्याप्त है।बताते चलें कि मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र के डीली गिरधर गांव निवासी राजेंद्र विश्वकर्मा ने बीते 17 सितंबर की अलसुबह अपनी पुत्रवधू करिश्मा को प्रसव पीड़ा होने के उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर पहुंचाया था जहां अस्पताल स्टाफ नर्स रिशु सिंह द्वारा मुह मांगा सुविधा शुल्क ना मिलने के बाद प्रसव पीड़ित महिला को हाथ तक नहीं लगाया गया था और सीधे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था यही नहीं परसों पीड़ित महिला को इनायत नगर बाजार स्थित एक प्राइवेट चिकित्सालय में भर्ती कराए जाने का दबाव भी साथ में मौजूद आशा बहू शीला सिंह एवं स्टाफ नर्स रिशु सिंह द्वारा बनाया गया था।

थक हार कर पीड़ित परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक मामले की शिकायत की थी जिसके बाद अधीक्षक डॉ अहमद हसन किदवई द्वारा दूसरी महिला स्टाफ नर्स सुमन को अस्पताल भेजकर प्रसव पीड़ित महिला के पेट में मरे बच्चे का प्रसव कराया गया था। मामले में स्टाफ नर्स रिशु सिंह की लापरवाही की शिकायत पीड़ित महिला करिश्मा के पति मुकेश कुमार एवं ससुर राजेंद्र विश्वकर्मा द्वारा सीएचसी अधीक्षक से कर दी गई थी। उधर आशा बहू और स्टाफ नर्स द्वारा मामले को लेकर किए गए वार्तालाप का ऑडियो भी वायरल हो गया था।

सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर के अधीक्षक डॉ अहमद हसन किदवई की ओर से गठित तीन डॉक्टरों का एक पैनल प्रसव पीड़ित महिला के घर पहुंचा जहां डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉ गया प्रसाद द्वारा शिकायतकर्ता एवं प्रसव पीड़ित महिला के ससुर राजेंद्र कुमार विश्वकर्मा तथा उनकी पत्नी संजू के बयान दर्ज किए डॉक्टरों की जांच टीम ने गांव की आरोपी आशा बहू शीला सिंह को भी मौके पर तलब किया और पीड़ित लोगो सहित आशा बहू की आमने सामने बात कराते हुए प्रकरण में गहन छानबीन की।

इसे भी पढ़े  आवंटी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव पर तानी रिवाल्वर

What do you think?

Written by Next Khabar Team

मीडिया सेन्टर तोड़े जाने से पत्रकारों में आक्रोश

विपक्ष एकजुट होकर भी नहीं कर सकता भाजपा का मुकाबला  : डा. दिनेश शर्मा