कोविड-19 महामारी में मास मीडिया की भूमिका पर हुआ अन्तरराष्ट्रीय मंथन

by Next Khabar Team
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दुनियां के मीडिया विशेषज्ञों का हुआ विमर्श

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग एवं तकनीकी संस्थान के संयुक्त संयोजन में ”कोविड-19 की महामारी में मास मीडिया की भूमिका” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार के उद्घाटन सत्र में स्वागत उद्बोधन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान वर्चुअल प्लेटफार्म का प्रयोग आवश्यक हो गया है। इस महामारी ने कार्य संस्कृति को पूरी तरह से बदल दिया है। प्रो0 दीक्षित ने 1918 में हुई महामारी से लगभग तीन से चार करोड़ जनहानि हुई थी परन्तु इसकी जानकारी विश्व जनमानस को नही मिल पाई। वर्तमान महामारी कोविड-19 विश्वभर की सूचनाओं को जन-जन तक आज मीडिया ही पहुॅचा रही है। मीडिया के कारण इस महामारी की वास्तविक स्थिति का आकलन संभव हो पा रहा है। पल-पल चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह, चिकित्सालयों की स्थिति, मरीजों की स्थिति पर मीडिया के कारण जनमानस परिचित हो पा रहा है। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि मीडिया में टीआरपी की होड़ चिंताजनक है। सूचनाओं और समाचारों में परख होनी आवश्यक है और मीडिया को नैतिक मूल्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। समाज के बीच भय पैदा करने वाली खबरों का प्रसारण नही किया जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष के0 विक्रम राव ने कहा कि मीडिया ने कोविड-19 की गंभीरता को आमजनमानस के प्रस्तुत कर उसे सजग किया है। निश्चित रूप से विश्वभर का मीडिया कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। वर्तमान परिस्थिति वार रिपोर्टिंग जैसी हो गई है। यह समय मीडिया का संयम एवं सक्षम होने का है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी जिम्मेेदारियों का निर्वहन सजगता से न करके पूरी दुनियां को एक मुश्किल में डाल दिया है। यदि समय के रहते मीडिया एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मध्य संयोजन व्यापक रूप से हुआ होता तो निश्चित रूप से इतने बड़े पैमाने पर जनहानि न होती।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्कूल ऑफ मार्डन मीडिया यूपीईएस एवं पूर्व महानिदेशक, आई0आई0एम0सी0, नई दिल्ली के प्रो0 केजी0 सुरेश ने कहा कि इस महामारी के दौरान मीडिया कोविड-19 योद्धाओं अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। लोगों को शिक्षित करना मजदूर व बेसहारा लोगों के हितों के लिए सरकार एवं जनमानस को जागरूक करने का दायित्व मीडिया निर्वहन कर रहा है। प्रो0 सुरेश ने कहा कि वर्तमान परिवेश में नागरिक पत्रकारिता से बचाव की आवश्यकता है। सभी को पत्रकार बनने की कोशिश नही करनी चाहिए। पत्रकारिता एक विधा है इसका प्रशिक्षण एवं सामान्य विषयों का मौलिक ज्ञान होना आवश्यक है। मीडिया संस्थान जनमत का निर्माण करते है।
वेबिनार के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक नई दिल्ली के शेष नारायण सिंह ने कहा कि मीडिया यदि अपनी भूमिका का निर्वहन ठीक से नही कर पाया तो इसके परिणाम घातक होंगे। समाचारों में सत्य के सिवा कुछ नही होना चाहिए। राजनेता की टिप्पणियों में मीडिया कर्मी को शामिल नही होना चाहिए। मीडिया कर्मी को वैकल्पिक सत्य से परहेज करना होगा। चीनी मीडिया पर टिप्पणी करते हुए श्री सिंह ने कहा कि चीनी मीडिया नियंत्रित मीडिया है। मीडिया को स्वधर्म का पालन करना होगा और धूप सी सच्चाई को उजागर करना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज के अध्यक्ष प्रो0 ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने कहा कि जीवन को आरोग्यता की ओर ले जाने का कार्य मीडिया का है। इस महामारी के निदान के संन्दर्भ में विश्वभर के विशेषज्ञों की राय को जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने का दायित्व मीडिया का है। मीडिया ने भौगोलिक दूरियों को समेट दिया है। मीडिया के सहयोग से कोई भी व्यक्ति आइसोलेट नही है बल्कि वह पूरे विश्व से जुड़ा है। जंगलों में भी बैठा हुआ व्यक्ति इस महामारी की सूचना से लैस है। इस समय मानवता की रक्षा का कार्य मीडिया कर रहा है। एक संदेश वाहक के रूप में मीडिया लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, आहार, दिनचर्या जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों की राय का प्लेटफार्म सुलभ कर रहा है। हिन्दुस्थान समाचार के पूर्व प्रधान संपादक एवं सीईओ राकेश मंजुल ने कहा कि मीडिया की भूमिका का निर्धारण स्पष्ट करना होगा कि मीडिया समाजोन्मुख या राज्योंन्मुख है। यह तय करना होगा कि मीडिया अपने किन उत्तदायित्वों का निर्वहन करें। वर्तमान परिवेश में प्रिंट मीडिया विजुअल मीडिया की तरह कार्य कर रहा है। मीडिया को अभी तक इस शताब्दी में दो विश्व युद्धों का ज्ञान है। इस महामारी ने मीडिया के समक्ष कई नई चुनौतियों को जन्म दिया है। भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है इस पर मीडिया को एकरसता के साथ कार्य करना होगा ताकि मीडिया पर कोई महामारी न आये। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से हुई। विश्वविद्यालय डिजिटल कुलगीत की प्रस्तुति की गई। साथ ही विश्वविद्यालय स्थापना की डाक्यूमेंटी्र की प्रस्तुति हुई। वेबिनार का संचालन संयोजक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ0 राजेश सिंह ने किया। तकनीकी संचालन सह आयोजन सचिव डॉ0 आरएन0 पाण्डेय, इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं. रमेश मिश्र, इं0 विनीत सिंह, डॉ0 संजीत पाण्डेय का विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार, लखनऊ के अतुल चन्द्रा, आईक्यूएसी के निदेशक प्रो0 अशोक शुक्ला, कीर्ति एस0 श्रीवास्तव, सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर, हिडेन वुड्स ट्रेल ओहियो, यूएसए, डॉ0 शिवानी तनेजा, टीचिंग एसोसिएट, क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी, लंदन, सुनीता श्रीवास्तव, मेफील्ड हाइट्स, क्लीवीलैण्ड ओहियो, यूएसए, डॉ0 अरूण पाण्डेय वरिष्ठ पत्रकार राष्ट्रीय सहारा, नई दिल्ली, लखनऊ दूरदर्शन के हेमेन्द्र तोमर, वीर बहादुर सिंह पूर्वाच्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर के विभागाध्यक्ष डॉ0 मनोज मिश्र, डॉ0 आशिमा सिंह, जनसंचार विभाग एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, अभिषेक श्रीवास्तव, सीनियर असिटेंट प्रोफेसर, आईटीएमआई, इण्डिया टूडे ग्रुप नई, दिल्ली, डॉ0 दिग्विजय सिंह, वीर बहादुर सिंह पूर्वाच्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर, बद्री विशाल डिग्री कालेज फरूर्खाबाद की डॉ0 अर्चना पाण्डेय सहित अन्य उपस्थित रहे। वेबिनार के संयोजक डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि इस राष्ट्रीय वेबिनार में देश व विदेश से लगभग 679 प्रतिभागियों ने गूगल फार्म को भरकर अपना पंजीकरण कराया था जिसमें ऑनलाइन वीडियो कांफंसिंग में 300 ने प्रतिभाग किया एवं अन्य यू-ट्यूब एवं फेसबुक से लाइव रहे।

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