राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर में लगा विधिक साक्षरता शिविर
अयोध्या। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश फैजाबाद नीरज निगम के मार्गदर्शन में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सर्वेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
शिविर में सचिव ने बताया कि संविधान कानून का श्रोत है संविधान में बच्चों के अधिकार मिले हैं और उनके कर्तव्यों का उल्लेख किया गया हैं, जिसका उन्हें पालन करना चाहिए। भारत के प्रत्येक नागरिक का सबसे पूज्य दस्तावेज संविधान है, जो 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था। शिविर में उपस्थित समस्त कर्मचारियों एवं अपचारी किशोरों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया गया तथा संविधान में उल्लिखित मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलायी गयी।
सचिव द्वारा बताया गया कि शिविर का उद्देश्य विधि के विरोध में अपचारी किशोंरों को मैत्रीपूर्ण सेवाऐं एंव उनके संरक्षण के लिये विधिक सेवाओं से संबन्धित जानकारी प्रदान करना है, जिससे उनमें अपने अधिकारों के विषय में जानकारी प्राप्त हो और वे इसका सही ढंग से इस्तेमाल कर अपना भविष्य उज्जवल बना सकें और मुख्य धारा से जुड़ने के पश्चात देश के सम्मानित नागरिक बन कर देश की प्रगति एंव विकास में सहायक सिद्ध हों। उनके द्वारा किशोर अपचारियों को उनके अधिकारों से सम्बन्धित विधिक जानकारी प्रदान की गयी। उन्होने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सभी वर्ग के लोगों को निःशुल्क अधिवक्ता की सुविधा प्रदान की जाती है जिससे वे न्याय पाने से वंचित न रह जायें। इसी अनुक्रम में उनके द्वारा यह भी बताया गया कि विधि से संघर्ष कर रहे अपचारी किशोरों को उनके आवेदन करने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है जिससे उनका कानूनी रूप से प्रतिनिधित्व हो सके। किसी अपचारी किशोर ने अधिवक्ता की मांग नहीं की और उन्होंनें बताया कि उनकी तरफ से पैरवी करने के लिए अधिवक्ता नियुक्त है। शिविर में प्रभारी अधीक्षक के0बी0 मिश्रा, शिक्षिका श्रीमती आरती श्रीवास्तव, शिक्षक संजय शर्मा तथा अपचारी किशोर उपस्थित रहे।