सरयू तट पर राम राज्य की स्थापना के संकल्प के साथ राजनैतिक क्रांति दल ने शुरू किया सियासी सफर
अयोध्या। ब्रितानी हुकूमत की गुलामी में आज भी जी रहे हैं भातरवासी, सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन की क्रांति का सपना हमे साकार करना होगा। अयोध्या स्थित सरयू तट पर राम राज्य की स्थापना और अयोध्या को राजधानी बनाने के संकल्प के साथ राजनैतिक क्रांति दल का सियासी सफर शुरू किया गया है। दल का मुख्यालय अयोध्या में स्थपित किया जायेगा। यह विचार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशित पाठक ने जानकी महल ट्रस्ट में आयोजित पत्रकार वार्ता में व्यक्त किया। संयुक्त पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र सिसोदिया, राष्ट्रीय संगठन मंत्री मानस किंकर, पूर्व उत्तर प्रदेश राज्य प्रभारी कन्हैया यादव, सलाहकार अमित त्यागी मौजूद रहे। इस मौके पर दल के संरक्षक संत प्रेमदास भी मौजूद रहे। पत्रकार वार्ता के पूर्व राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई जिमसें 11 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भारतवासियों के ब्रितानी गुलामी के तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा आज भी ट्रांसफर आॅफ पावर पैक्ट के तहत 30 हजार मैट्रिक टन गोमांस प्रतिवर्ष भारत को ब्रिटेन को देना पड़ता है इसके लिए पूरे देश में 35 हजार बीफ सलाटर हाउस को लाइसेंस दिये गये हैं जिसमें से लगभग ढ़ाई हजार बीफ सलाटर हाउस उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि आज भी भारत के संसद भवन में महारानी विक्टोरिया का स्टैचू लगा हुआ है तथा तीन कक्ष आरक्षित हैं जिसके ताले तभी खोले जाते हैं जब ब्रिटेन की महारानी का आगमन भारत में होता है। उन्होंने बताया कि समझौते के तहत हर साल भारत सरकार को 10 अरब रूपये ब्रिटेन की महारानी को देना पड़ाता है। इण्डियन एयरलाइन के हर विमान पर वीटी लिखा होता है जिसका मतलब है विक्टोरिया ट्रैवल, गौ हत्या तबतक बंद नहीं होगी जबतक विदेशी कर्ज से हम मुक्त नहीं होते और ब्रितानी हुकूमत का वर्चस्व समाप्त नहीं होता।
उन्होंने कहा कि राजनैतिक क्रांत दल का ध्येय है कि भारत से अंग्रजी सत्ता खत्म हो और राम राज्य की स्थाना हो। इसी बात को लेकर बीते लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी का हमने साथ दिया था और उन्होंने जो वादा किया था सत्ता पाते ही यू टर्न लेते हुए वह मुकर गये। इसीलिए इस दल के गठन की आवश्यकता हुई। स्वदेशी के प्रणेता रहे राजीव दीक्षित के सपनों को साकार करने के लिए इस दल का गठन किया गया है।
इस मौके पर मानस किंकर ने कहा कि राम राज्य क्या है इसी व्याख्यान रामचरित मानस में की गयी है। ‘‘सब नर करे परस्पर प्रीती नहि दरिद्र को दुखी न दीना’’ उन्होंने कहा कि हमारे दल का उद्देश्य है कि ऐसी सरकार की स्थापना की जाय जो राम राज्य के सपने को साकार करे। इसके लिए हमने तय किया है कि सरकार बनने के बाद 100 रूपये से बड़े नोट का चलन बंद किया जाय। चार हजार रूपये से अधिक कोई भी आदमी न रखे तथा सभी टैक्स समाप्त करके केवल दो प्रतिशत बैंक ट्रांजेक्शन ही लागू किया जाय। इसी एक टैक्स से साढ़े 42 लाख करोड़ रूपया सरकार को मिलेगा जो व्यवस्था के लिए पर्याप्त होगा।