दीक्षान्त सप्ताह अनुक्रम में दृश्य कला विभाग में हुआ विशेष व्याख्यान
फैजाबाद। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर चल रहे दीक्षान्त सप्ताह के अनुक्रम में दृश्य कला विभाग में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने किया। अपने सम्बोधन में प्रो0 दीक्षित ने कहा कि कला व्यक्ति को जीना सिखाती है इसका आम जीवन से अटूट नाता है। भारत में कला का इतिहास बहुत पुराना है। यहां पर विविध कलाओं का कोश है। व्याख्यान के मुख्य वक्ता काॅलेज आॅफ आर्ट्स, लखनऊ के पूर्व प्राचार्य प्रो0 जयकिशन अग्रवाल ने भारतीय कला एवं वैश्विक कला का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया एवं भारतीय कला के परंपरागत स्वरूप और मौलिकता के महत्व को समझाया। डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय के डीन प्रो0 राजीव नयन पाण्डेय ने छात्रों को समकालीन कला के विभिन्न पहंलुओं से अवगत कराया।
दीक्षान्त समारोह के अवसर पर दृश्य कला विभाग में पेटिंग एवं रंगोली की अन्तर्विभागीय प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। पेटिंग में दृश्य कला विभाग के सुमित एवं कविता को प्रथम, इतिहास विभाग की एकता व दृश्य कला विभाग की दीपिका को द्वितीय स्थान एवं नेहा को तृतीय स्थान मिला। रंगोली की अन्तर्विभागीय प्रतियोगिता में दृश्य कला विभाग के सुमित को प्रथम इतिहास विभाग की एकता को द्वितीय स्थान दृश्य कला विभाग की दीपिका एवं पर्यावरण की ज्योति को तृतीय स्थान मिला। कार्यक्रम का संचालन दृश्य कला विभाग के समन्वयक डाॅ0 विनोद श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 प्रदीप श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डाॅ0 प्रिया कुमारी, डाॅ0 सविता, अलका श्रीवास्तव, पल्लवी सोनी, सरिता द्विवेदी, रीमा सिंह सहित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।