और ना ही सरकार ने दिया धुलाई भत्ता
अयोध्या। स्वास्थ्य महकमे के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लकदक रहना है और स्वास्थ्य सेवाओं को चाक चौबंद बनाना है। मेहनत मशक्कत के बावजूद यह कर्मचारी सरकार की ओर से उपेक्षित है। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को न तो सरकार की ओर से वर्दी दी जा रही है और न ही धुलाई भत्ता। यह कोई एक दो साल का मामला नहीं है, बल्कि 10 सालों से ऐसा ही चल रहा है।
जनपद में दशरथ मेडिकल कॉलेज से लेकर दर्शन नगर संयुक्त चिकित्सालय और जिला पुरुष और महिला अस्पताल के साथ पूरे जिले में स्वास्थ्य केंद्रों की कुल तादाद लगभग 380 है। जिला मुख्यालय स्थित जिला महिला और पुरुष अस्पताल के अलावा टीवी अस्पताल और दूरदराज के देहात क्षेत्रों तक फैले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती है। सरकार की ओर से इन कर्मचारियों को जाड़ा और गर्मी मौसम के हिसाब से एक वर्ष में दो बार वर्दी दी जाती थी। सरकार की ओर से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को वर्दी का धुलाई भत्ता भी दिया जाता था। प्रदेश में भले ही समाजवादी पार्टी की सरकार गई हो भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गई लेकिन ना तो पूर्ववर्ती और न ही वर्तमान सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की सुध ली। हाल यह है कि ड्यूटी के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी खुद ही वर्दी सिलाने के लिए विवश हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को खुद उसे वर्दी तो सिलानी पर ही रही है। इसकी साफ-सफाई और धुलाई का खर्च भी अपनी तनख्वाह के पैसे से बाहर करना पड़ रहा है। एक दशक से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ना तो वर्दी दी गई और ना ही धुलाई भत्ता। इसको लेकर कर्मचारियों में असन्तोष है। राज्य कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शाखा अयोध्या के अध्यक्ष रामबली गुप्ता का कहना है कि कर्मचारियों को ग्रीष्म कालीन व शीतकालीन वर्दी नहीं दी गई,न ही वर्दी धुलाई का भुगतान किया गया है। संगठन अब इसको बर्दाश्त नहीं कर सकता।