-बेलगाम स्वास्थ्य कर्मियों पर मेहरबान हुए सीएमओ, नहीं की दंडात्मक कार्यवाही
मिल्कीपुर। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सख्ती के बावजूद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर पर व्याप्त अव्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। भले ही सीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर मातहतों कोआवश्यक दिशा निर्देश अनवरत दे रहे हैं लेकिन सीएचसी मिल्कीपुर के स्वास्थ्य कर्मी अपने राग में मस्त हैं।
सीएचसी मिल्कीपुर का नाम आए दिन चर्चाओं में बना ही रहता है। बीते शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील कुमार बनियान ने सीएचसी मिल्कीपुर का औचक निरीक्षण किया था। सीएमओ ने प्रत्येक सीएचसी पर शनिवार के दिन को सफाई दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए एक ऐसी अलख जगाई, जिससे प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर से गंदगी को मिटाया जा सके।
निरीक्षण के दौरान सीएमओ ने पाया कि सीएचसी मिल्कीपुर पर प्रसव के लिए पहुंची सोनस किनौली गांव निवासी कामना पत्नी मनीष जिनका सिजेरियन से प्रसव हुआ था, के परिजनों से महिला चिकित्सक डॉ गुंजन यादव ने 25 सौ रुपए तथा ऑपरेशन कक्ष के टेक्निशन बृजराज ने एक हजार रुपए ले लिया है। इतना सुनते ही सीएमओ का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया। इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी भी जताया। सीएचसी मिल्कीपुर के प्रभारी अधीक्षक डॉ गया प्रसाद विश्वकर्मा को आदेशित किया कि सुबह मरीज के परिजनों को बुलाकर स्टाफ द्वारा लिए गए मरीज का पैसा वापस दिलाएं ।
जिससे यह संदेश जाय कि चिकित्सा के नाम पर सरकारी संस्थाओं में किसी भी प्रकार का पैसा नही लिया जाता है। इस संबंध में जब सीएससी अधीक्षक डॉ गया प्रसाद विश्वकर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया की लैब टेक्नीशियन द्वारा 25 सौ रुपए और स्टाफ नर्स रिशु सिंह के द्वारा एक हजार रुपए लिया जाना उजागर हुआ है।
महिला चिकित्सक गुंजन यादव पर लगे आरोपों को उन्होंने निराधार बताया। उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स रिशु सिंह की ड्यूटी लगी थी। इसके पूर्व भी उनके खिलाफ तमाम शिकायतें आ चुकी हैं।वहीं दूसरी ओर समूचे क्षेत्र में महिला चिकित्सक डॉ गुंजन यादव के भी कारनामों की चर्चाओं का दौर जारी है।अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर के कार्यवाहक अधीक्षक की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान उठने लगा है।