स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से शरीर रोगों के लिए बंजर भूमि की तरह व्यवहार करता है : डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी
अयोध्या । आरोग्य भारती के तत्वाधान में शिवदयाल सरस्वती विद्यामन्दिर इंटर कालेज अयोध्या में स्वास्थ्य प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन में छात्र छात्राओं को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए जानकारी व चेचक की प्रतिरक्षक होम्योपैथिक औषधि की खुराक पिलाई गई। अपने प्रबोधन में अवध प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी ने कहा चेचक विषाणुजनित हवा से, छींक, से फैलने वाला रोग है,जो लगभग 9-10 दिनों में अपनी अवस्थाएं पूर्ण करता है,एलोपैथी के लोग एंटीबायोटिक का प्रयोग कर देते है, इसलिए रोग की रोकथाम के लिए रोगी को साफ सुथरे स्वच्छ हवादार कमरे में अलग रखना और निश्चित अवधि के बाद तेल लगाना, भारत मे परम्परागत रूप से प्रचलित है, कुछ लोग इसे धार्मदंड की तरह प्रस्तुत करते हैं किन्तु व्यवहारिक रूप में इसका वैज्ञानिक महत्व इसलिए प्रासंगिक है, क्योंकि 5-7वें दिन जब छाले पक कर फूटते है तब उनके हवा के सम्पर्क से फैलने की संभावना अधिक होती है, और सूखती पपड़ी में खुजली जलन की पीड़ा भी तेल से नियंत्रित की जा सकती है।
डॉ त्रिपाठी ने बच्चों को रोगों से बचाव का अचूक उपाय बताते हुए कहा स्वस्थ जीवन शैली के यम नियम संयम आहार विहार अपनाकर हम अपने शरीर के सुरक्षा तंत्र को मजबूत रखें तो हमारा शरीर किसी भी रोगकारक जीवाणु ,विषाणु ,परजीवी के लिए बंजर भूमि की तरह व्यवहार करता है, और रोग नही पनप सकता, किन्तु खानपान, तनाव, दिनचर्या की गड़बड़ी शरीर की निराई गुड़ाई कर रोगकरको के लिए उपयुक्त उर्वरा भूमि तैयार कर देती है जिससे रोग प्रकट होने लगते है। इससे पूर्व दीप प्रज्वलन किया गया, विद्यालय के प्राचार्य अवनि कुमार शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रबोधन के बाद बच्चों को चेचक से बचाव के लिए होम्योपैथिक औषधि की खुराक पिलाई गई जिसमें आचार्य अरविन्द पांडेय, अनिरुद्ध मिश्र, स्वाती शुक्ला,परमात्मादीन शुक्ल रामजी मिश्र ने सहयोग किया।इस अवसर पर दिव्या शुक्ला, वशुधा, वेद, करिश्मा,विनायक, राजकर्ष, विरजा ,रामानुजम और समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।