मिल्कीपुर। विश्व पर्यावरण दिवस पर मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों में पीपल, बरगद और पाकड़ (हरिशंकरी) के पौधे रोपित किए गए। मिल्कीपुर तहसील की 210 ग्राम पंचायतों में हरिशंकरी पौधे लगाने का लक्ष्य था जो आज पूर्ण किया गया।आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पर्यावरण संतुलन में विशेष महत्व वाले इन पौधों की देखभाल ग्राम पंचायत के जिम्मे रहेगी।पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। पीपल में त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास माना जाता है। बरगद के वृक्ष को लेकर मान्यता है कि इसकी शाखाओं में विष्णु का निवास होता है। बरगद सदाहरित विशालकाय छाया वृक्ष है।
पाकड़ का वृक्ष भी देवताओं की ओर से संरक्षित माना जाता है। पाकड़ सदा हरा-भरा रहने वाला वृक्ष है। इसका छत्र काफी फैला हुआ और घना होता है। इसकी शाखाएं जमीन के समानांतर काफी नीचे तक फैल जाती हैं। इससे घनी शीतल छाया मिलती है। पीपल एकलौता पौधा है जो 24 घंटे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पर्यावरण संतुलन में विशेष महत्व रखने वाले ये पौधे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं।
वन क्षेत्राधिकारी कुमारगंज आरपी सिंह ने बताया कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर तहसील क्षेत्र के पाराधमथुआ,सिधौना, महर्षि बामदेव ,गोकुला, परसपुर सथरा, डीलीगिरधर, मिल्कीपुर,रेवना समेत 210 ग्राम पंचायतों में हरिशंकरी के पौधे लगाए गए पीपल बरगद पकड़ एक ही पिंड में तैयार किए जाएंगे और इनको ही हरिशंकरी के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस पर कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज के कुलपति विजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में भी वृक्षारोपण किया गया इतना ही नहीं तहसील क्षेत्र के सरकारी अर्द्ध सरकारी संस्थानों में भी वृक्षारोपण आयोजित किया गया।
तहसील क्षेत्र के राष्ट्रीय विद्यापीठ इंटर कॉलेज पिठला प्रांगण में विद्यालय की प्रधानाचार्य रमेश मिश्रा व प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी कुमारगंज आर पी सिंह ने कियाघ् हरिशंकर का पौध रोपित किया। प्रधानाचार्य रमेश मिश्रा ने कहां की मानव जीवन के लिए ऑक्सीजन अत्यंत आवश्यक है इन पौधों से ऑक्सीजन के साथ साथ पक्षियों को खाने के लिए भी पर्याप्त मात्रा में फल मिल जाते हैं।