अयोध्या। सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत हर माह की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्ण जांच की जाती है। जनपद के जिला महिला अस्पताल सहित सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँचें जैसे – हीमोग्लोबिन, शुगर, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, वजन, ब्लडप्रेशर, अल्ट्रासाउंड एवं अन्य जांच एवं मुफ़्त निःशुल्क उपचार की सेवाएँ प्रदान की गईं गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय राजा ने बताया कि जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुरक्षित मातृत्व अभियान को विशेष दिवस के रूप में आयोजित किया गया। स्वास्थ्य इकाईयों तक आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं की सभी प्रसव पूर्व जांच कराई गई। उच्च जोखिम वाली महिलाओं की जांच व इलाज एमबीबीएस महिला विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा किया गयाद्य इसके साथ ही गर्भवती एवं धात्री महिला को कोविड टीकाकरण के लिए भी प्रेरित किया गया । उन्होंने बताया- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पी.एम.एस.एम.ए.) के अन्तर्गत समस्त गर्भवती महिलाओं की द्वितीय/तृतीय तिमाही में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम एक बार विशेषज्ञ अथवा एम0बी0बी0एस0 चिकित्सक की देख-रेख में गर्भवती की प्रसव पूर्व जाँचें की जाती हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सक्सेना ने बताया कि अभियान के तहत आज जनपद में 2047 से अधिक महिलाओं ने प्रसव पूर्व जाँच करवाई। इस मौके पर महिला रोग विशेषज्ञों की देख रेख में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच कर उनका टीकाकरण भी किया गया द्य विटामिन, आयरन-फ़ॉलिक एसिड व कैल्शियम की दवाएं वितरित कर महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव उपरान्त संतुलित और पौष्टिक आहार लेने, साफ-सफाई रखने, समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेने और संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया गया।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राम प्रकाश पटेल ने बताया कि आयोजित सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के अवसर पर सरकारी के साथ निजी महिला चिकित्सकों के द्वारा भी गर्भवती की एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) की गई। इस दौरान 236 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड, 2047 हीमोग्लोबिन, ब्लड-प्रेशर, ब्लड-ग्रुप,शुगर, वजन, 987 महिलाओं एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी व पेट की जाँच की गयी। जाँच के दौरान गंभीर रक्ताल्पता पाई गयी महिलाओं को आयरन-शुक्रोज लगाया गया तथा उन्हें दवा के नियमित सेवन के साथ-साथ विशेष देखभाल रखने और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहने की सलाह दी गयी। डीसीपीएम अमित कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हरी साग-सब्जियों, अंकुरित चना एवं दाल, गुड़ आदि का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी होता है। महिला रोग विशेषज्ञ / एमबीबीएस निजी चिकित्सको के द्वारा अर्बन पीएचसी में आयोजित सुरक्षित मातृत्व अभियान में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँचें कर चिकित्सीय परामर्श दिया गया।
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