एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने योगाभ्यास शिविर में किया प्रतिभाग
फैजाबाद। डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रागंड़ में चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रातः 6 बजे से धूम-धाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रमुख योगाचार्य लखनऊ विश्वविद्यालय के डाॅ0 सुधीर ने ऊॅ के उच्चारण से किया। काॅमन योग प्रोटोकाल के तहत विश्वभर में एक ही प्रकार के योगासन, प्राणायाम, ध्यान पर केन्द्रित किया गया है। इसके तहत अनुलोम विलोम, भ्रामरी, ताड़ासन, वृक्षासन, मडंूक आसन, अर्धचन्द्रासन जैसे प्रमुख आसनों को स्वास्थ्य के लिए भारत सरकार योग एवं आयुष मंत्रालय ने अपनी योजना में शामिल किया है। उन सभी आसनों को वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सिद्ध हो चुका है कि स्वस्थ शरीर के लिए योग प्राणायाम का नियमित अभ्यास मानव जीवन के लिए आवश्यक है। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने योगाभ्यास शिविर में प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों के लिए विश्वविद्यालय ने समुचित प्रबन्ध किया था। इस अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि योग जनजागरण का विषय है इसमें देशभर के जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी तभी इसके सार्थक परिणाम मिलेंगे। योग प्राणायाम भारत की संस्कृति ने हजारों वर्षों से विद्यमान रहा है। योग संस्कृति हमारी ऋषि परम्परा का संवाहक रहा है संतुलित जीवन योग का मुख्य पक्ष है। गीता में श्रीकृष्ण ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग सिर्फ आध्यात्मिक पक्ष को ही नहीं सुदृढ़ करता है बल्कि मनुष्य को कर्मशील बनाता है। शिविर के समापन के अवसर पर कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने प्रमुख योगाचार्य डाॅ0 सुधीर मिश्र को स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। योग शिविर का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन योगपचार विभाग के प्रो0 एस0एस0 मिश्र ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ0 विनोद कुमार सिंह, विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों की भागीदारी रही।