बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के मूडाडीहा माझा , उरदहवा, पूरे चेतन , पिपरी संग्राम, सलेमपुर, बस्ती माझा, मडना माझा, बलुइया माझा, सेवरहवा, रामपुर पुआरी माझा , धनाई का पुरवा, गिलेंट, काजीपुर माझा समेत कई गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं और पानी घरों में घुस रहा है
-जानवरों के चारे का संकट खड़ा
अयोध्या। सरयू में आई बाढ़ के पानी का कहर जारी है। बाढ़ प्रभावित गांव पानी से घिरे हुए है।बाढ़ का पानी घरों में घुसने लगा है। बाढ़ पीड़ित परेशान है, बाढ़ पीड़ितों को गांव से निकालने के लिए अभी तक नाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के मूडाडीहा माझा , उरदहवा, पूरे चेतन , पिपरी संग्राम, सलेमपुर, बस्ती माझा, मडना माझा, बलुइया माझा, सेवरहवा, रामपुर पुआरी माझा , धनाई का पुरवा, गिलेंट, काजीपुर माझा समेत कई गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं और पानी घरों में घुस रहा है।मूडाडीहा माझा के रिंकू, संचित ,सुग्रीव रोशन लाल, बृजेश ,सौरभ ,रामप्रताप ,पूर्णमासी,विजय ,भागीरथी ,नंदकिशोर ,लाल जी ,धर्मेंद्र, बताते हैं कि रात में नदी का पानी गांव के चारों तरफ फैल गया और घरों में घुसने लगा। रात में ही घर के लोगों को जगा कर इकट्ठा करके बैठाया गया और जानवरों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
अब सबसे बड़ा संकट जानवरों के चारे का खड़ा हो गया है।रामपुर पुआरी माझा के अयोध्या प्रसाद, दुखीराम ,प्रेम सागर, अजीत, लच्छीराम, मुन्ना, जियालाल ,मसा राम ,राधे श्याम ,राम नयन, अर्जुन, बताते हैं कि दूसरी बार आई बाढ़ से सब कुछ तबाह हो गया,अब कुछ नही बचेगा। रात को पानी आया जो भी घर गृहस्थी का सामान था सब पानी में भीग गया।अब भगवान ही मालिक है। अभी तक प्रशासन का कोई भी कर्मचारी गांव में नहीं दिखाई दिया।
यहां तक की गांव से निकालने के लिए नाव तक नहीं लगाई गई मडना माझा के प्रधान प्रतिनिधि ओम प्रकाश यादव ने बताया कि पहले जैसा फिर बाढ़ के पानी ने कोहराम मचा दिया है। गांव पानी से घिर गया और घरों में पानी घुस रहा है। सबसे बड़ा संकट तो जानवरों के चारे का हो गया है। पिछली बाढ़ में मेरे गांव में राशन किट तो बटा था लेकिन जानवरों के लिए भूसा नहीं बांटा गया। जिसके लिए तहसील प्रशासन से कई बार कहा भी गया।
राजस्व निरीक्षक व बाढ प्रभारी गिरजा प्रसाद वर्मा ने बताया कि पानी बढ़ने की सूचना मिलते ही गांव के लेखपालों को निर्देशित किया गया है कि गांव में बने रहे और बाढ़ से घिरे गांव के लोगों को निकालने के लिए नाव लगाई जा रही है।