अस्पताल का गेट बंदकर धरने पर बैठे अस्पताल के कर्मचारी, मुकदमा दर्ज होने पर समाप्त किया धरना
अयोध्या। जिला अस्पताल में बुधवार की सुबह डॉक्टरों व मरीजों में जमकर मारपीट हुई। दोनों पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए। मारीपट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ देखा जमकर हाथापाई की गईं। जब मीडिया ने बात की तो जिला अस्पताल के डॉक्टर अपने आप को बचते नजर दिखाई दिए। डॉक्टर ने अपने को बचाने के लिए खुद ही मरीजों पर मारपीट का आरोप लगाया।
लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अगर जिला अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर ही मरीजों के साथ इस तरीके का गलत व्यवहार करेंगे तो मरीजों का क्या होगा। प्रदेश की योगी सरकार अस्पतालो की हालातों को सुधारने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन सरकार की मंशा पर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ही पलीता लगाते नजर दिखाई दे रहा है। .जिला अस्पताल के दो चिकित्सक तथा दूसरे पक्ष समेत कई लोगों को चोटे आई हैं। मारपीट के बाद स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर अस्पताल प्रशासन के लोग धरने पर बैठ गए तो दूसरे पक्ष ने भी धरना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर भाजपा नेता के पक्ष को कोतवाली भेजवाया है।
वही मामले को लेकर भाजपा के जिला अध्यक्ष संजीव सिंह,महानगर अध्यक्ष अभिषेक, मिश्रा, भाजपा नेता अमल गुप्ता एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं का देखते ही देखते कोतवाली नगर में जमावड़ा लग गया और डॉक्टर पर कार्रवाई करने की मांग की गयी। वही मरीज बिज़नेस मिश्रा का आरोप है कि पेट में दर्द को लेकर में आया था। जब मेरे बड़े भाई डॉक्टर के पास गए तो बोले हम तुम्हारे गुलाम है क्या….. तभी हमारे लड़के और हमारे बड़े भाई पर इमरजेंसी के डॉक्टरों ने हाथ उठाकर मारना शुरू कर दिए। पुलिस वालों के सामने मुझे डंडों से मारना शुरू कर दिए। और मेरा पर्स व मोबाइल भी छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि मेरे भाई न सिर्फ इलाज के लिए कहा तो सीधे उन्होंने गुलाम कह दिया। उनके द्वारा ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ अनिल वर्मा व डॉ फुजैल अहमद अंसारी सहित स्टाफ के लोगों पर आरोप लगा है।
अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस में लिखित तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की गई है। महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा का कहना है कि इस पूरे मामले की प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि निष्पक्ष इस घटना की जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। निश्चित रूप से जब मरीज अस्पताल इलाज कराने के लिए जाता है.वो निवेदन ही करता है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि तीमारदारों ने मारपीट की होगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार निश्चित रूप से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओ को और बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। चिकित्साए में बेहतर हो रही। जिस तरीके से मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बन रहे हैं अगर इस तरीके का गलत कार्य अस्पताल मै हुआ है।ये निश्चित रूप से हमारी सरकार को गहरे में खड़ा करता है।जो स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ बृज कुमार ने बताया कि डॉ औऱ तामीरदारों के बीच हुए मारपीट का मामला सामने आया है। 4 से 5 लोग एक मरीज को लेकर आए हुए थे जिसके पेट में दर्द था। डॉ अनिल कुमार वर्मा इमरजेंसी वार्ड में बैठे हुए थे। उसी बीच मरीज के परिजनों ने उनके बीच तू-तू मैं-मैं होने लगी। पहले डा अनिल वर्मा हाथापाई करने लगे और फिर इसी बीच डॉ फुजैल अहमद अंसारी को पकड़ कर जान से मारने की कोशिश की। अयोध्या सीओ सिटी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टर अनिल की तहरीर पर 4 लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है। दी गई तहरीर पर बिजनेस मिश्रा, अजय मिश्रा, दिनेश मिश्रा व हिमांशु मिश्रा के खिलाफ धारा 186, 332, 333, 307, 308, 323, 427, 504, 506, 7 सीएलए व 3ं ए के तहत मुकदमा दर्ज़ हुआ है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद डॉक्टर स्टाफ नर्स व कर्मचारियों ने समाप्त धरना किया।ह ालांकि जिला अस्पताल में आये दिन मरीजों की देखरेख के संबंध में अनदेखी को लेकर बवाल कटता रहा है हाल ही में महिला अस्पताल की दो डाक्टरों सहित तीन नर्सों को कार्यवाई के तहत अपर स्वास्थ निदेशक चिकित्सा के कार्यालय तब संबद्ध किया गया था जब स्वास्थ मंत्री द्वारा मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए कार्यवाई की मंशा जाहिर की गई थी।
अभिरक्षा से भागा युवक, पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा
अयोध्या। जिला अस्पताल में तीमारदार और डॉक्टरों के बीच विवाद और मारपीट के बाद मेडिकल के लिए लाया गया एक युवक पुलिस अभिरक्षा से भाग निकला। हालांकि पुलिस ने दौड़ाकर उसको नियावां चौराहे के पास पकड़ लिया। मेडिकल के दौरान मां बेटे ने इमरजेंसी ओपीडी में जमकर हंगामा किया। पुलिस सभी को चालान के लिए फिर थाने ले गई है।
कैंट थाना क्षेत्र के गुप्तार घाट मोहल्ला निवासी राजकुमार निषाद के परिवार में लोगों ने आपस में मारपीट कर ली। शिकायत पर पुलिस ने राजकुमार निषाद की पत्नी अन्नू निषाद तथा उसके बेटे सूरज निषाद और पुत्री मुस्कान निषाद को हिरासत में ले लिया। थाने लाई गई महिला ने अपने ही बेटे पर गंभीर आरोप लगाया। प्रकरण में पुलिस ने तीनों का शांति भंग में चालान बना दिया और मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा। डॉक्टरों और तीमारदार के बीच विवाद के बाद कैंट पुलिस तीनों को मेडिकल के लिए इमरजेंसी ओपीडी लेकर आई तो बाहर चल रहे हंगामे का फायदा उठा युवक सूरज निषाद मौके से भागा और कंधारी बाजार की गली के रास्ते नियावां की ओर निकल गया।
पुलिस और अन्य लोगों ने उसका पीछा किया और नियावां चौराहे के निकट पुलिस के जवान ने उसे दबोच लिया। फिर मेडिकल के लिए जिला अस्पताल पहुंची तो मां बेटे ने फिर से हंगामा खड़ा कर दिया। इसके बाद पुलिस सभी को वाहन में लाद थाने ले कर चली गई। महिला अक्सर घाट पर विवाद करती रहती है। कैंट पुलिस का कहना है कि मेडिकल परीक्षण कराने के बाद सभी का शांति भंग में चालान किया गया है।