-नई ब्रांच के साथ कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस का भी हुआ उदघाटन
अयोध्या। फेडरल बैंक ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के पास अपनी नई ब्रांच और कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस खोलने का ऐलान किया है जो की बैंक के छोटे शहरों और कस्बों में अपनी बढ़त दर्ज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नई ब्रांच का उद्घाटन फेडरल बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ केवीएस मनीयन ने किया। इस कार्यक्रम में ब्रांच के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए एक गेस्ट हाउस का उद्घाटन भी किया गया, जिसका उद्घाटन बैंक के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर राजनारायण एन के हाथों से किया गया।
जानकारी के अनुसार अयोध्या में आने वाले समय में बड़े स्तर पर अधोसंरचना विकास होने वाली है, जिस पर 10 बिलियन डॉलर खर्च किया जाएगा। इस आगामी विकास को देखते हुए मंदिर में आने वाले समय में प्रतिवर्ष 5 करोड लोगों के आने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए अयोध्या को आने वाले समय में बेहतर कनेक्टिविटी और पर्यटन सेवाओं की आवश्यकता जरूर पड़ेगी। फेडरल बैंक भी आने वाले समय में इस विकास में अपनी भागीदारी देने के लिए सज्ज है।
पिछले 50 साल से लखनऊ क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते हुए फेडरल बैंक ने यहां की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब अयोध्या में खुली अपनी इस नई ब्रांच के माध्यम से फेडरल बैंक समग्र उत्तर प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी दर्ज करने की राह पर आगे बढ़ने को तैयार है। सीईओ केवीएस मनीयन ने बताया कि फेडरल बैंक सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध है, और समाज और अपने ग्राहकों को सशक्त करते हुए उन्हें आगे बढ़ाना चाहती है।
बैंक की यह नई ब्रांच स्थानीय व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद करेगी, और आने वाले समय में धार्मिक पर्यटन में आने वाली क्रांति का लाभ लेने में उनका सहयोग करेगी, जो की भविष्य में इस क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि को आगे ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम होगा। फेडरल बैंक अयोध्या में अपने ग्राहकों, व्यवसायों और भक्तों को उनकी वित्तीय ज़रूरतें पूरी करने में मदद करते हुए अयोध्या में आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिए तैयार है। यह विस्तार भारत में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित विकास को आगे बढ़ाने का पूर्ण रूप से समर्थन करता है।
यह नई ब्रांच- नया नंबर 55/3/19ए, नया घाट के पास स्थित है। इसके साथ ही बैंक ने अपने 1536 बैंकिंग आउटलेट पूरे कर लिए हैं, और भारत के सबसे बड़े आस्था के केंद्र और ऐतिहासिक शहरों में फेडरल बैंक एक वित्तीय एवं सामाजिक सहायक के रूप में खुद को स्थापित करना चाहती है।