कान्हा गौशला में चारे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं
बीकापुर। छुटटा जानवरों से किसानों की तबाह और बर्बाद हो रही हरी भरी फसलो को बचाने के साथ साथ गोवंशीय छुट्टी मवेशियों के संरक्षण के लिये सूबे की योगी सरकार द्वारा ग्राम पंचायत/ब्लाक स्तर पर कान्हा गौशालाओ का निर्माण कराये जाने की घोषणा अभी भी जमीनी हकीकत नही पकड़ सकी है। ग्राम प्रधानों का कहना है कि उनके पास कान्हा गौशाला बनवाने का कोई फण्ड ही नही है। इसके इतर जिलाधिकारी के निर्देश पर बीकापुर विकास खण्ड में दो कान्हा गौशालाओ का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसमें मजरूद्दीनपुर ग्राम पंचायत में निर्मित आधी अधूरी कान्हा गौशाला में छुटटा मवेशियों को इकठठा किया जा रहा है। परन्तु न्यूना पूरब गॉव की कान्हा गौशाला अभी निर्माणाधीन है। सबसे दुखद पहलू यह है कि मजरूद्दीनपुर ग्राम पंचायत में बनी कान्हा गौशाला का शुभारम्भ 11 जनवरी से हो गया। वर्तमान समय में इस गौशाला में लगभग एक सैकडा गोवंशीय छुटटा मवेशी आ चुके है करीब 2 एकड में फैली इस गौशाला में जानवरों के बाहर जाने से रोकने के लिये चारों तरफ ऊंची खण्डक लगाई गई है। पानी की व्यवस्था के लिये तालाब खुदा है जिसमें वाटर सप्लाई के लिए समरसेबुल तथा धूप और ठण्ड से राहत के लिये 2 मामूली टिनशेड बनाए गये है। सबसे दुखद पहलू यह है कि इस गौशाला में गौवंशीय मवेशीयों को कडकडाती ठण्ड से राहत के लिए न तो कोई खास व्यवस्था की गई है और न ही मवेशियों के चारे की ही कोई व्यवस्था है। बताया जाता है कि मवेशियों को चारा आपूर्ति के लिये सी0एन0डी0एस0 कम्पनी को चारा आपूर्ति को ठेका पर दायित्व सौंपा गया है। परन्तु यदा कदा कम्पनी के कारिन्दे थोडा बहुत पुआल पहुचाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर देते है। आपूर्ति किया गया पुआल मवेशियों की संख्या पर ऊॅट के मुॅह का जीरा साबित होकर रह गया है। सभी मवेशी भुखमरी के शिकार हो चुके है। भूखे मवेशी हाल के दौरान हुई बारिश में भीगकर बीमार हो गये है।मवेशियों की दीन दशा और भुखमरी को देख अगल बगल के गॉवों के लोग अपने पालतू जानवरों के लिये रखे पुआल को लाकर गौशाला में डाल रहे है। जिसे खाकर गौशाला में आये मवेशी अपनी बदतर जिन्दगी जीने को मजबूर हो गये है। स्थानीय लोगो ने प्रदेश के मुखिया से मांग की है कि वह चारे की व्यवस्था के लिए सम्बन्धित ठेकेदार को हिदायत दे कि वह यथाशीघ्र गोशाला में चारा मुहैया कराये तथा सर्दी बारिश और ठण्ड से बीमार गौवंशीय मवेशियों को उपचारित भी कराये।