-पड़ोसियों ने किया इनकार, बेटियां ने दिया कंधा
अयोध्या। गुरूवार को रामनगरी अयोध्या के श्यमशान घाट की तस्वीरें देख लोगों की आंखे नम हो गयी। कारण इस कोरोना महामारी में जब पड़ोसियों ने पिता के शव को कंधा देने से मना कर दिया तो बेटियों ने खुद कंधा देकर शव का अन्तिम संस्कार किया। जानकारी के अनुसार मृतक चंद्रभूषण श्रीवास्तव की चार लड़कियां है, लड़के एक भी नहीं है। तोगपुर सहादतगंज की रहने वाले इस परिवार में पिता की मौत हो गई, आसपास का कोई भी व्यक्ति शव उठाने को तैयार नही हुआ। जिसके बाद घर की महिलाओं ने कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया। इसकी सूचना जब गौ सेवक रितेश दास को मिली तब उसने महापौर ऋषिकेश उपाध्याय से सहयोग लेकर लकड़ी बैंक से निशुल्क लकड़ी की व्यवस्था करायी और किसी तरह अंत्येष्टि हुई।
विक्रम टैम्पो से पिता का शव लेकर श्मशान पहुंचा बेटा
-दूसरी घटना टेढ़ी बाजार में जहां मृतक पिता रामलोट पांडेय के बेटे राकेश पांडेय ने लोगों को पिता की मौत की सूचना दी। जब टेढ़ी बाजार के निवासी अगल-बगल कोई भी व्यक्ति इस लड़के के पिता के अंतिम संस्कार में जाने को तैयार नहीं हुए ना ही मदद करने को तो लड़का खुद ही अपने पिता की लाश को विक्रम पर लादकर श्मशान घाट अयोध्या पहुंचा। श्मशान घाट पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के द्वारा निशुल्क लकड़ी दिया गया और इनके पिता का अंतिम संस्कार करवाया गया। शव को लेकर शमशान घाट पर टेम्पो से अंतिम संस्कार के लिए लाए जाने पर रितेश दास ने पूरी मदद की। बताया जाता है कि मौत के बाद अगल-बगल के लोगों से भी मदद नही मिली।जब फटिक शिला मंदिर से लेकर श्मशान घाट लाश ले जाना हुआ तो कोई तैयार नहीं हुआ।