चपेट में आने से दो बच्चे घायल, एक गम्भीर
अयोध्या। छावनी क्षेत्र के निर्मली कुण्ड में अपने घर के सामने सेना का ग्रेनेड फोडकर पीतल निकालने के दौरान भीषण विस्फोट हो गया। विस्फोट की चपेट में आने से मां-बेटे की जहां मौत हो गयी वहीं दो बच्चे घायल हो गये जिनमें से एक की हालत गम्भीर बनी हुई है। बच्चों का इलाज जिला चिकित्सालय में कराया जा रहा है।
रेतिया निवासिनी 30 वर्षीय रीना निषाद पत्नी धर्मराज निषाद मौजूदा समय में अपने मायका निर्मली कुण्ड में परिवार सहित रह रही थीं गुरूवार को बूंदाबांदी के दौरान रीना ने देखा कि नाला में सेना का एक बम पड़ा है रीना की 8 वर्षीय बेटी मंजू उर्फ पावना का कहना है कि मां के कहने पर वह लोग बम को नाले से निकालकर घर ले आये। पहले बम को गरम किया गया जिससे उसमे मौजूद पीतल आसानी से निकाला जा सके। बम गरम हो जाने के बाद जैसे ही उसपर हथौड़े का प्रहार किया गया वैसे ही वह दग गया। चूंकि मेरी मां बम के सबसे समीप थी इसलिए उसे अधिक चोटें आयीं और मौके पर ही उसकी मौत हो गयी।
बम विस्फोट की चपेट में आने से रीना की 8 वर्षीय पुत्री मंजू, 10 वर्षीय राज और 12 वर्षीय अतुल घायल हो गया। मंजू को तो मामूली चोट आयी परन्तु राज का एक हाथ और एक पैर छलनी हो गया था जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। अतुल का एक पैर भी गम्भीर रूप से जख्मी हुआ है।
बताते चलें कि निर्मली कुण्ड सेना के चांदमारी क्षेत्र में स्थित है जहां फौजी गोलियां और बम चलाने का अभ्यास करते हैं अक्सर अभ्यास के दौरान तमाम बम नहीं फटता और नदी अथवा नाला आदि में गिर जाता है। अनफटे बमों को पीतल की लाचल में लोग उठा लाते हैं कभी कबाड़ी को बेंच देते हैं और कभी खुद पीतल निकालने का प्रयास करते हैं जो दुर्घटनाओं का कारण बनता है।