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भ्रष्टाचार में लिप्त मिले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता

सतर्कता विभाग के निरीक्षक ने दर्ज कराया मुकदमा

अयोध्या। सिंचाई विभाग की सतर्कता प्रकोष्ठ की जांच में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता सिविल रईस इकबाल भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं। सतर्कता प्रकोष्ठ के  निरीक्षक ने  इनके खिलाफ  कैंट थाने में  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम  की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया है। शासन के निर्देश पर या जांच  10 वर्ष पूर्व  शुरू कराई गई थी।मूल रूप से बिजनौर जनपद के  थाना चांदपुर स्थित  काजीजातगान निवासी सिंचाई विभाग बाढ़ खंड सिविल के तत्कालीन आधिशासी अभियंता रईस इकबाल पुत्र स्वर्गीय शौकत उल्ला फैजाबाद डिविजन में तैनात थे। इनकी मंडल में तैनाती के दौरान बाढ़ से बचाव के लिए बोल्डर सतवारी का काम हुआ था आरोप लगा था कि बाढ़ से बचाव के नाम पर बड़ी रकम का गोलमाल किया गया और दिखाई गई मात्रा से कम कीबोर्ड सप्लाई की गई। मामले की शिकायत शासन प्रशासन तथा सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों से की गई थी।शिकायत पर प्रदेश के सतर्कता अनुभाग की ओर से 30 मार्च 2010 को तत्कालीन आधिशासी अभियंता सिविल सिंचाई बाढ़ खंड फैजाबाद रईस इकबाल के खिलाफ खुली जांच के आदेश प्रदेश के सतर्कता अधिस्थान को दिए गए थे। सतर्कता अधिष्ठान की ओर से अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट 11 जनवरी 19 को पूरी आख्या शासन को भेजी गई।

कमाई से ज्यादा किया खर्च

शासन को भेजी गई सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन आधिशासी अभियंता रईस इकबाल हाल पता सुबे की राजधानी लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित प्रियदर्शनी कॉलोनी ने लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए 21 मई 1976 से 31 जनवरी 2010 तक अपनी आय के समस्त वैध स्रोतों से 37 लाख 65 हजार 202 रुपए की आय अर्जित की गई तथा इस अवधि में इनकी ओर से परिसंपत्तियों के अर्जन व भरण पोषण पर कुल 49 लाख 88 हजार 555 रुपए व्यय किया गया। जांच के लिए निर्धारित अवधि में रईस इकबाल की ओर से अपनी आय के सापेक्ष एक लाख 23 हजार 753 रुपए का अधिक व्यय किया गया, जो उनकी ज्ञात और वैध स्रोतों से अर्जित आय से आनुपातिक है। इस अधिक व्ययके बाबत रईस इकबाल की ओर से कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया। इस प्रकार रईस इकबाल का यह कृत्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत दंडनीय संगेय अपराध है।

जांच अधिकारी ने दी तहरीर

सतर्कता अधिष्ठान की जांच में फैजाबाद मंडल के तत्कालीन आधिशासी अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला पुष्ट होने के बाद जांच अधिकारी सुर्य नारायण सिंह ने मामले में तहरीर कैंट पुलिस को दी। तहरीर में लखनऊ के सतर्कता अधिष्ठान सिंचाई प्रकोष्ठ के निरीक्षक ने रिपोर्ट दर्ज करने की मांग रखी है।गुरुवार को कैंट थाने के प्रभारी निरीक्षक नितीश श्रीवास्तव ने बताया कि सतर्कता अधिष्ठान सिंचाई प्रकोष्ठ लखनऊ के निरीक्षक सूर्य नारायण सिंह की तहरीर पर फैजाबाद मंडल के तत्कालीन आधिसासी अभियंता सिविल सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (एक) ई तथा 13(दो) के तहत दर्ज किया गया है मामले की विवेचना कराई जाएगी।

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