-अयोध्या में आयोजित हुआ “नल से जल” परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय सेमिनार
अयोध्या। नल से 24 घंटे आम आदमी तक निर्मल जल पहुंचने के लिए अभियंताओ की क्षमता वृद्धि के लिए राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार रामनगरी में आयोजित हुआ। शुक्रवार को पंचशील होटल में आयोजित सेमिनार में देश के नगर निगमो में कार्यरत पेयजल आपूर्ति व्यवस्था से जुड़े अभियंताओं ने शिरकत की।
सेमिनार के मुख्य अतिथि महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि अयोध्या में 10 वर्ष पहले पॉलिथीन के पाउच में पानी की बिक्री को देखकर मन में यह भाव उठता था कि भगवान राम की नगरी आने वाले श्रद्धालुयों को हम स्वच्छ पेयजल भी उपलब्ध नहीं कर पा रहे हैं। इस पीड़ा को स्वर देने के लिए उस समय वॉटर कैन रखकर लोगों को पानी पिलाना शुरू किया। अब सौभाग्य से हमें प्रथम नागरिक बनने का अवसर मिला है तो हमारी योजना यहां आने वाले लोगों को एक बूंद पानी बाजार से खरीदना पड़े, यह सुनिश्चित करना है।
इसके लिए नगर में 90 से अधिक वटर कियास्क लगाए गए हैं। उन्होने बताया कि 6 वार्डों में 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने की परियोजना पर कार्य किया जा रहा है दो वार्ड में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। उन्होंने इंजीनियरों का आह्वान किया कि लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना उनका करियर तो है ही, लेकिन पुण्य अर्जित करने का भी माध्यम है। उन्होंने नगर निगम के अभियंताओं को लोगों के बोतल बंद पानी के प्रचलन को कम करने के लिए किया जा रहे प्रयास की भी सराहना की।
महापौर ने कहा कि यहां आए देश भर के अभियंता अयोध्या नगर निगम में निर्मल पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में किया जा रहे प्रयास से कुछ सीख कर जाएंगे, यह उम्मीद है। उसे देश के अन्य नगरों में भी लागू करने की कोशिश करेंगे। नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने कहा कि लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को तभी पूरा किया जा सकता है, जब पेयजल उपलब्ध कराने की परियोजनाओं से जुड़े अभियंता अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और कड़ी मेहनत से पूरा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने अयोध्या की महत्ता को रेखांकित करते हुए पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता जताई।
इससे पूर्व सेमिनार का उद्घाटन पेयजल योजना अमृत 2.0 के निदेशक श्रीमती डी.थारा,भारत सरकार की संयुक्त सचिव ईशा कालिया एवं अयोध्या के नगर आयुक्त श्री जयेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। सेमिनार को उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय के प्रबंध निदेशक डॉ. रमाकांत पांडेय, हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर भारत सरकार के उप सलाहकार डॉ रमाकांत, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ़ इंडिया हैदराबाद की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एम. स्नेहलता ने संबोधित किया।
इस मौके पर वक्ताओ ने केंद्र सरकार की 24 घंटे प्रति सप्ताह जलापूर्ति के लिए किया जा रहे प्रयास को क्रमबद्ध तरीके से सफल बनाने पर विस्तार से चर्चा की। सेमिनार का चर्चा का केंद्र परियोजना की लागत को नियंत्रित करने पर रहा। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अमृत 2.0 पेयजल योजना को चरणबद्ध तरीके से इस तरह से लागू किया जाये कि सरकार का खर्च कम हो और आम लोगों को पेयजल की सुविधा बेहतर ढंग से मिल सके।
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इसके साथ ही पेयजल योजना से जुड़े अभियंताओं की क्षमता वृद्धि के लिए भी प्रशिक्षित किया गया। सभी को अवधपुरी वार्ड का भ्रमण कराया गया, जहां यह परियोजना लागू शुरू हो चुकी है। यहां लोगों के घरों तक पेयजल पहुंचाने के तरीके का इंजीनियरों ने अध्ययन किया। इसके साथ ही कंट्रोल रूम से ऑनलाइन डाटा एकत्र करने का भी तरीका जाना।