अयेध्या। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं का 48 घण्टे का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पुनः प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करें जिससे प्राविडेन्ट फण्ड के भुगतान की जिम्मेदारी लेकर प्रदेश सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी करे जिससे बिजली कर्मचारी व अभियन्ता निश्चिन्त होकर अपने कार्य में पूर्ण मनोयोग से जुटे रह सकें। 48 घण्टे के कार्य बहिष्कार के बाद संघर्ष समिति की कोर कमेटी की बैठक 20 नवम्बर को बुलायी गयी है। कार्यबहिष्कार के सफल ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के बाद कल की बैठक में न्याय पाने हेतु संघर्ष के अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जायेगी। संघर्ष समिति ने पीएफ घोटाले के विरोध में जूनियर इंजीनियर्स संगठन द्वारा 20 नवम्बर से किये जाने वाले कार्य बहिष्कार कार्यक्रम का पुरजोर समर्थन किया।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि वे 2600 करोड़ रूपये की धनराशि के भुगतान की मांग नहीं कर रहे हैं अपितु उनकी मांग है कि इस धनराशि के भुगतान की गारण्टी सरकार ले और गारण्टी का नोटिफिकेशन जारी करे। संघर्ष समिति ने यह भी मांग की है कि मुख्यमंत्री के 02 नवम्बर की घोषणा के अनुपालन में प्राविडेन्ट फण्ड घोटाले की सीबीआई जांच तत्काल प्रारम्भ हो जिससे शीघ्रातिशीघ्र घोटाले की जड़ तक पहुंचा जा सके। संघर्ष समिति की मांग है कि घोटाले के मुख्य आरोपी पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन जो ट्रस्ट के भी चेयरमैन थे को तत्काल बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाये।
सभा को संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों पंकज तिवारी, रोहित सिंह, श्रीकांत लालचंद आदित्य कुमार, राजेश त्रिपाठी ,निखिल नायक ,आंनद पांडेय ,बबलू सिंह, रघुवंश मिश्रा, एसपी सिंह अरविंद यादव, रमन,अरुण साहनी मुख्यतया सम्बोधित किया।
पीएफ घोटाला को घाटा बता गुमराह कर रहे आन्दोलित विद्युत कर्मी : रामनेवल
अयोध्या। पीएफ घोटाला को घाटा बता विद्युत कर्मी आन्दोलन कर रहे हैं यदि सरकार इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराये तो सच्चाई उजागर हो जायेगी और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही भी सम्भव होगी। यह विचार विद्युत उपकेन्द्र शाहगंज में तैनात अवर अभियंता रामनेवल वर्मा ने व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि पावर कार्पारोशन में भ्रष्टाचार इतना व्याप्त है कि उससे ऊबकर उन्होंने मई 2018 को तत्कालीन राज्यपाल को अपना त्यागपत्र भेज दिया था। दुर्भाग्य यह है कि न तो त्यागपत्र को स्वीकार किया गया और न ही विभागीय भ्रष्टाचार की जांच ही करायी गयी। उन्होंने कहा कि विद्युत कर्मी 48 घंटे का कार्य वहिष्कार कर रहे हैं और हमने इस आन्दोलन का वहिष्कार कर रखा है। बहुचर्चित पावर कार्पोरेशन पीएफ घोटाले के साथ लगभग 100 अरब का घाटा बता रही है इस घाटा या घोटाला का पर्दाफाश तभी होगा जब इसकी सीबीआई जांच होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से उन्होंने कहा है कि वह प्रकरण की सीबीआर् जांच कराये और जो खर्च आयेगा उसके लिए मै अपना पूरा जीपीएफ धनराशि जनहित में सौंप दूंगा।
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