मुस्लिमों के पिछड़ेपन को दूर करने का एकमात्र रास्ता शिक्षा : प्रो. मसूद

by Next Khabar Team
A+A-
Reset

-“टाटशाह- 30“ मुफ्त कोचिंग सेंटर का किया उद्घाटन

-आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निःशुल्क दी जाएगी कोचिंग

अयोध्या। मुसलमानों को पिछड़ेपन, हताशा और हीन भावना से बाहर निकालने का एकमात्र रास्ता शिक्षा है। मानव इतिहास गवाह है कि दुनिया में उन्हीं समुदायों को प्रगति और सफलता प्राप्त हुई है जो शिक्षित थीं और जिन समुदायों ने ख़ुद को शिक्षा से अलग रखा, तबाही और पराजय उनका भाग्य बन गईं। यह विचार आज प्रो. मसूद आलम फलाही पूर्व कुलपति ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्विद्यालय,लखनऊ ने होनहार एवं आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए “टाट शाह-30“ नाम से एक मुफ्त कोचिंग सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए। यह मुफ्त कोचिंग सेंटर अयोध्या की प्रतिष्ठित सामजिक संस्था टाट शाह वेलफेयर सोसायटी ने शुरू किया है।

संस्था अध्यक्ष मोहम्मद क़मर राइनी ने कहा कि इस सेंटर की स्थापना का उद्देश्य होनहार लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है। इसके लिए 30 छात्रों का चयन परीक्षा द्वारा किया गया है।जिन बच्चों का चयन हुआ है उन्हें ए एम यू, बी ए च यू और जवाहर नवोदय जैसे उच्च संस्थानों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी।

कमर राइनी ने यह भी स्पष्ट किया कि टाटशाह वेलफेयर सोसायटी धर्म,जाति से ऊपर उठकर मानवता के आधार पर काम करती है। इसलिए यह जो सेंटर स्थापित किया जा रहा है इसमें भी इस परंपरा का ध्यान रखते हुए सभी वर्गों के बच्चों को निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी जो होनहार है या आर्थिक रूप से कमजोर हैं। संस्था अध्यक्ष ने कहा कि अब पारंपरिक शिक्षा का कोई भविष्य नहीं रहा और हमारे जो बच्चे आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, अगर उनमें मौजूद प्राकृतिक क्षमता को प्रोत्साहित करके उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार नहीं किया जाएगा तो वो अन्य समुदायों के बच्चों से बहुत पीछे रह जाएंगे। एक ऐसे समय में जब नौकरियों के अवसर सीमित होकर रह गए हैं, प्रतिस्पर्धी शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है। इसी मूल बिंदु को ध्यान में रखकर इस कोचिंग सेंटर का आरंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में अब जिस प्रकार का धार्मिक एवं वैचारिक टकराव शुरू हुआ है, इसका मुकाबला शिक्षा के अतिरिक्त किसी अन्य हथियार से नहीं किया जा सकता है। ऐसे में हम सबकी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी नई पीढ़ी को प्राथमिक धर्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक उच्च शिक्षा दिलवा कर इस योग्य बना दें कि वह अपनी बुद्धि एवं प्रतिभा से सफलता की वो मंजिलें प्राप्त कर लें जिन तक हमारी पहुंच अति कठिन बना दी गई है।

इसे भी पढ़े  श्रद्धालुओं से भरी बस पलटी, तीन गम्भीर

हम शिक्षा में दूसरों से पीछे क्यों रह गए? इस प्रश्न पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। यह एक बड़ा तथ्य है कि मुसलमानों ने जानबूझ कर शिक्षा नहीं छोड़ी क्योंकि अगर ऐसा होता तो वह बड़े-बड़े मदरसे क्यों स्थापित करते? कटु सत्य यह है कि आजादी के बाद से आने वाली सांप्रदायिक शक्तियों ने हमें योजनाबद्ध तरीके से शैक्षिक पिछड़ेपन का शिकार बनाए रखा। मोहम्मद कमर राइनी ने स्पष्ट किया कि हमारे बच्चों में बुद्धि और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। असल चीज उनका प्रयोग करके उनका मार्गदर्शन करना है। फिर यह भी है कि मुसलमान आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। इसलिए हमारे बहुत से बुद्धिमान और प्रतिभाशाली बच्चे उच्च शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाते और बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं।उद्घाटन मैं मौजूद लोगों में अख्तर सिद्दीकी मिर्जा साहब शाह रियाल अहमद सुल्तान अशरफ उमर मुस्तफा इरफान सिद्दीकी मकसूद अली अपील बबलू मोहम्मद सफ्फन अली सईद मोइनुद्दीन बंटी सिंह साबिर अली डॉक्टर इरफान लकी सिद्दीकी मोहम्मद वसी आदि लोग मौजूद थे।

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya