Breaking News

डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक विचार आज भी प्रासंगिकः  प्रो. रविशंकर सिंह

वर्तमान परिदृष्य में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक विचारों की प्रासंगिकता विषय पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

अयोध्या। डॉ० राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अम्बेडकर चेयर, अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में डा0 भीमराव अम्बेडकर जी की 130वीं जयंती के अवसर पर ‘‘वर्तमान परिदृष्य में डा0 भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक विचारों की प्रासंगिकता’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक विचार आज भी प्रासंगिक हैं। अम्बेडकर जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और वे जीवन पर्यन्त विपन्नों के लिए संघर्ष करते रहे। डाॅ0 अम्बेडकर का मूल उद्देश्य सर्वसमाज का भेद-भाव रहित विकास करना रहा है। आज उनके विचारों कों आत्मसात करते हुए विपन्नों को विकास की मुख्यधारा में जोडे और समरसता आधारित समाज की स्थापना करे।

      संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रो0 एम0एम0गोयल पूर्व कुलपति, जे0एन0यू0, जयपुर एवं सलाहकार छठा राज्य वित्त अयोग हरियाणा ने बताया कि राजकोषीय संकट से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए भारत रतन अम्बेडकर द्वारा वकालत किए गए सार्वजनिक व्यय के सिद्धांत को अपनाना चाहिए। डा0 भीमराव अम्बेडकर के नियमों, कानूनों और विनियमों के अनुसार न केवल संसाधनों का खर्च सुनिश्चित करना चाहिए बल्कि  निष्पादन में विश्वास, बुद्धि और मित्तव्ययता रखनी चाहिए। प्रो. गोयल ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक मांगों के बीच सार्वजनिक व्यय का आवंटन और उपयोग का तरीका अंबेडकर के कैनन (सिद्धांत)  के डोमेन (परिधि) के भीतर आता है जिसे सार्वजनिक खर्च के स्पर्श-पत्थर के रूप में देखा जा सकता है। प्रो. गोयल ने बताया कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर एक पेशेवर अर्थशास्त्री थे जिन्होंने सरकार को विभिन्न ज्ञापन सौंपे जो उनके अर्थशास्त्र के ज्ञान को वैज्ञानिक मुक्त दिमाग का एक अनूठा पहलू बताते हैं । प्रो. गोयल  का मानना है कि अनुसूचित जातियों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक स्थितियों में सुधार के लिए भारतीय संविधान में विभिन्न सुरक्षा उपायों को शामिल करके अंबेडकर मानव संसाधन विकास के जनक साबित हुए प्रो. गोयल ने  बताया कि भगवद् गीता में बौद्ध सिद्धांतों के बारे में उनकी बौद्धिक स्वीकृति हर जगह परिलक्षित होती है ।

         प्रो0 रोहिणी प्रसाद, पूर्व कुलपति, सन्त गहिरा गुरू सरगुजा विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ ने बताया कि डा0 अम्बेडकर निरन्तर से ही कृशि उद्योग एवं अन्य वित्तीय संसाधनों के राश्ट्रीयकरण के पक्षधर थे क्योंकि जब इन संसाधनों  पर सरकारी नियंत्रण होगा तब समाज के विपन्न लोगों की आर्थिक शोषण की संभावना कम होगी ।  वक्ता के रुप में प्रो0 शक्ति कुमार अध्यक्ष आर्थिक अध्ययन एवम् नियोजन केन्द्र जे0एन0यू0 नई दिल्ली ने डा0 अम्बेडकर के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक दृष्टिकोण को बहुत व्यापक तरीके से रखते हुए यह बताया कि डा0 अम्बेडकर में राजकोशीय स्थिति सुदृढ करने के लिए रुपये की समस्या का उल्लेख करते हुए उसका बेहतर समाधान प्रस्तुत किया और यह बताया कि राजकोश का समुचित बंटवारा अर्थव्यवस्था के निचले तबके के लिए होना आवष्यक है । तभी हम सम्पूर्ण समाज के विकास की बात कर सकते है । इस अवसर पर अर्थषास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रो0 आशुतोश सिन्हा ने डा0 भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक चिन्तन के विभिन्न पहलू का व्यापक विष्लेशण प्रस्तुत किया साथ ही प्रो0.शैलेन्द्रकुमार माइक्रो बाॅयोलोजी विभाग ने डा0 भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक के अतिरिक्त सामाजिक एवं राजनैतिक बिन्दुओं को भी उल्लेखित किया ।

       अम्बेडकर चेयर के समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रमुख उद्देश्य लोगों को डा0 अम्बेडकर के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक दृष्टिकोणों से परिचित कराना रहा है । यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आॅफलाइन एवं आॅनलाइन दोनों ही पद्धतियों पर आधारित है जिसमें देश के विभिन्न विद्वान विषेशज्ञों के शोध पत्रों को प्रस्तुत किया जाएगा जिससे बाद में अम्बेडकर चेयर द्वारा प्रकाषित होने वाली एडिटेड बुक में संकलित किया जाएगा यही बाबा साहब अम्बेडकर के प्रति सच्चा आभार

       कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 सरिता द्विवेदी, सहायक आचार्य फाईन आर्टस विभाग एवं धन्यवाद ज्ञापन सुश्री पल्लवी सोनी, सहायक आचार्य फाईन आर्टस विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक आचार्य डाॅ0 अलका श्रीवास्तव सहायक आचार्य, सुश्री रीमा सिंह ने अपना सहयोग प्रदान किया । कार्यक्रम में डाॅ0 प्रिया कुमारी, डा0 अनिल यादव, राजीव कुमार, डाॅ0 सुभाश कुमार के साथ शोधार्थीं छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे ।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  ..अब 9 मिनट में देखिए श्रीराम के 14 वर्षों के संघर्षों की गाथा

About Next Khabar Team

Check Also

प्राचार्य, दो डॉक्टर समेत 12 अज्ञात पर आत्महत्या के लिए उकसाने में रिपोर्ट दर्ज

-राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर की मौत का मामला अयोध्या। राजर्षि दशरथ मंडलीय …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.