33 हजार से अधिक वालंटियर्स 26 लाख 11 हजार एक सौ एक से अधिक दीए जलाकर स्थापित करेंगे नया कीर्तिमान
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के कुशल प्रबंधन में दीपोत्सव-2025 को ऐतिहासिक बनाने के लिए 33 हजार वालंटियर्स के सहयोग से किया जा रहा है। रामनगरी के दीपात्सव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में कुलपति डॉ. सिंह द्वारा पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय आवासीय परिसर, सम्बद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कालेजों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी में काफी उत्साह है। इस बार दीपोत्सव में 26 लाख 11 हजार एक सौ एक से अधिक दीए प्रज्ज्वलित करके एक नया विश्व रिकार्ड बनेगा। कुलपति ने सभी घाटों का सघन निरीक्षण कर दीपों को बिछाए जाने का कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया है।
कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने बताया कि नवम दीपोत्सव का आयोजन अलौकिक और अविस्मरणीय होना स्वाभाविक है। प्रभु श्रीराम अयोध्या के कण कण में रमें हैं। जिन्होंने समता और समरसता का मार्ग समूचे ब्रह्मांड को दिखाया। प्रभु श्री राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पर्व दीपोत्सव मात्र अयोध्या या उत्तर प्रदेश या भारत वर्ष में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व मे अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत की अमिट छाप पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर का दीपोत्सव अद्भुत, आलौकिक होगा। सभी घाटों पर दीए लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सभी के सहयोग से हम सभी विश्व कीर्तिमान बनायेंगे। दीपोत्सव को भव्य एवं दिव्या बनाने के लिए परिसर से लगभग 5 दर्जन बसों से यातायात समिति के संयोजक प्रो. अनूप कुमार एवं उनकी टीम के नेतृत्व में सुचारू पूर्वक अयोध्या राम की पैड़ी के लिए सुबह से रवाना किया गया।
विवि प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन के साथ दीपोत्सव को अलौकिक और भव्य बनाने के लिए वालंटियर्स एवं पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर दिए गए हैं। 19 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन दीये में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों के तेल की बोतल उपलब्ध कराई जायेगी। वालंटियर 28 लाख बिछाये गए दीए में सावधानीपूर्वक तेल डालेंगे। घाट पर तेल न गिरे इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा। वालंटियर्स द्वारा तेल की बोतल खाली होने के बाद उसी गत्ते में वापस सुरक्षित रखा जायेगा।
दीये में तेल डालने के पश्चात बाती के आगे वाले भाग पर कपूर का पाउडर लगाएंगे जिससे वालंटियर्स को दीये प्रज्ज्वलित करने में आसानी होगी। प्रत्येक घाट पर दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए कैंडल, माचिस, डंडे लगे कैंडल तथा अन्य सामग्री घाट के अनुसार निर्धारित दीयों की संख्या के अनुपात में एक ही बार में समन्वयको व घाट प्रभारी को उपलब्ध करा दी जायेगी। दीयों को प्रज्ज्वलित करने वाले स्वयंसेवक, समन्वयक सूती कपड़ों में, जो ढीले न हो, में ही घाटों पर उपस्थित रहेंगे। प्रज्वलित करते समय अपना व दूसरों का भी ध्यान रखेंगे। सभी वॉलिंटियर्स, एवं पदाधिकारियो के लिए दीपोत्सव स्थल पर भोजन का प्रबंध लक्ष्मण घाट किला, भजन संध्या, चौधरीचरण सिंह घाट पर भोजन समिति के संयोजक प्रो. हिमांशु शेखर सिंह एवं उनकी टीम डॉ. प्रवीन राय, डॉ. रामजी सिंह, डॉ. अनुराग तिवारी के द्वारा व्यवस्था की गई है।
75 सदस्य की गणना टीम सरयू के 56 घाटों के दीए की गणना पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वालंटियर की मौजूदगी में शुरू की गई।
विवि प्रशासन ने सरयू तट राम की पैड़ी के 56 घाटों पर 28 लाख दीयों को सजाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया। इसकी तैयारियों को लेकर विश्वविद्यालय ने पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, गणना वालंटियर्स के साथ दो हजार से अधिक भारी भरकम टीम उतार दी है। इनकी निगरानी में दीपोत्सव में 26 लाख से अधिक दीये प्रज्ज्वलित होंगे। दीपोत्सव की भव्यता विश्व पटल पर दिखे इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर के वालंटियर द्वारा घाट न. 10 पर 80 हजार दीए से स्वास्तिक सजाया गया है। इससे पूरी दुनियां में शुभता का संदेश जायेगा। यह लोगों के आकर्षण का केन्द्र होगा। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के कुशल मार्ग-दर्शन में 32 हजार वालंटियर द्वारा 56 घाटों पर 16 गुणे 16 दीए का ब्लाक बनाया गया है जिसमें 256 दीए सजाये गये है।
दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन, जिला प्रशासन के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया है। राम नगरी के 56 घाटों पर दीयों की सुरक्षा पुलिस प्रशासन व विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही है। घाटों पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। बिना आई कार्ड के प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। 18 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन प्रातः 10 बजे से पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वालंटियर्स की देखरेख में 26 लाख 11 हजार एक सौ एक दीपों को प्रज्वलित करने के लिए लक्ष्य के अनुरूप 28 लाख से अधिक दीयों को बिछाया जा रहा है। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम द्वारा सभी घाटों के दीपों की गणना की जा रही है।
कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए समस्त वालंटियर्स को पदाधिकारियों द्वारा यथा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर दिया गया है। सभी वालंटियर्स एवं पदाधिकारी दीपोत्सव पहचान-पत्र के साथ घाटों पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सभी को सूती परिधानों में रहने का आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किया गया है। दीपोत्सव को अलौकिक बनाने के लिए सरयू के 56 घाटों पर विवि एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कालेजों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी वालंटियर देर शाम तक दीप बिछाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।