-श्रीराम जन्मभूमि पथ में बनायी जाने वाली कैनोपी व स्वागत गेट के कार्यों का भी किया अवलोकन
अयोध्या। मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने लखनऊ-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास पर साकेत पेट्रोल पम्प के ओवर ब्रिज के अंत छोर पर अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा लगाये जा रहे अयोध्या लोगो का स्थलीय निरीक्षण किया तथा इसके साथ ही उन्होंने अयोध्या बाईपास के किनारे स्थित प्राइवेट भवनों की बाहरी दीवालों पर हाईवे से गुजरने वाले यात्रियों को अयोध्या की अनुभूति एवं अयोध्या की उत्कृष्ट ब्रान्डिंग हेतु अयोध्या लोगो को लगवाने के निर्देश दिये।
इसके उपरांत उन्होंने लता मंगेशकर चौक के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन जो जल्द ही विस्थापित होने वाली है, उनके टावरों को डिस्मेंटल न करके उनमे आकर्षक फसाड लाइटिंग सहित अन्य गतिविधियां कराने के सम्बंध में भौतिक निरीक्षण किया तथा उन्होंने इन टावरों में क्या-क्या गतिविधियां की जा सकती है इसकी एक विस्तृत रूपरेखा बनाने के निर्देश दिये।
अन्त में मण्डलायुक्त ने श्रीराम जन्मभूमि पथ में बनायी जाने वाली कैनोपी एवं स्वागत गेट के लिए कराये जा रहे कार्यो का अवलोकन किया तथा स्थल पर उपस्थित पी0एम0 राजकीय निर्माण निगम को सभी कार्य तीव्र गति से सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुये कराने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
अयोध्या से रामेश्वरम तक 290 स्थानों पर लगेंगे श्रीराम स्तंभ
– श्री राम शोध संस्थान द्वारा 40 वर्षों तक किए गए शोध के आधार पर मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े राम वन गमन मार्ग पर 290 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ स्थापित करने की योजना बनाई है। यह स्थान अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक हैं। जिसमें कई राज्य और उन राज्यों के कई शहर शामिल हैं। यह योजना अशोक सिंघल फाउंडेश के सौजन्य से 30 सितंबर से प्रारंभ की जाएगी। कारसेवकपुरम में गुरुवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव और अशोक सिंघल फाउंडेशन के सदस्य चंपत राय ने बताया कि राम अवतार शर्मा ने 40 वर्षों तक शोध कर 290 स्थान को चिन्हित किया है। जहां पर प्रभु श्री राम के चरण पड़े थे।
उन सभी स्थानों पर अशोक सिंघल फाउंडेशन के सौजन्य से श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। जिस स्थान पर पर यह स्तंभ लगाए जाएंगे उस स्थान के स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार को किसी भी तरह का खर्च नहीं देना पड़ेगा। इसका पूरा खर्च अशोक सिंगला फाउंडेशन उठाएगी। उन्होंने बताया कि 27 सितंबर को पहला श्रीराम स्तंभ अयोध्या पहुंच जाएगा।
यहां के प्राचीन मणि पर्वत पर संत महात्मा और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में इसको स्थापित किया जाएगा। इस स्तंभ में श्रीमद् वाल्मीकि रामायण के आधार पर चौपाइयां लिखी होंगी। जिस राज्य में यह स्तंभ स्थापित होगा उस राज्य की स्थानीय भाषा में भी चौपाइयां लिखी जाएगी।