-मुहूर्त के बाद बर्तन की दुकानों पर नजर आए खरीददार
अयोध्या। दीपोत्सव आयोजन को लेकर अयोध्या नगर क्षेत्र में सुरक्षा पाबंदियों के चलते इस बार धनतेरस के दिन बाजार में पहले जैसी रौनक नहीं दिखी। महंगाई का प्रभाव लोगों की जेबों पर दिखा ही, साथ ही अयोध्या में कड़ी सुरक्षा और यातायात डायर्जन के साथ लगी पाबंदियों के चलते बाजार उदास दिखा। बाहरी लोगों के शहर में कम आने से स्थानीय बाजारों में भीड़ का रेला नहीं दिखा।अधिकांश दुकानों पर शहर के ही खरीदारों की भीड़ दिख रही है। धनतेरस पर शहर में बर्तन, मूर्ति, मिट्टी के खिलौने, मिठाई व लाई, चूड़ा की दुकानों पर तो भीड़ दिखी।
लेकिन इलेक्ट्रानिक्स, रेडीमेड कपड़ों व बर्तनो की दुकानों पर खरीदार बहुत कम दिखे।दो साल कोविड-19 महामारी से उबरने के बाद बाजार को इस बार धनतेरस पर भारी भीड़ आने की उम्मीद थी। लेकिन महानगर की बाजारों में विगत वर्षों जैसी चमक, धमक व रौनक नहीं है। बाजार तो सजे हैं पर ग्राहकों का रेला नहीं है। बर्तन की दुकानों पर भी दिन भर कोई खास भीड़ नहीं दिखी। लेकिन शाम होते ही मुहूर्त पर खरीदार दुकानों पर पहुंचे। लेकिन बर्तन की दुकानों पर भी उस तरह की भीड़ नहीं दिखी जैसे पहले हुआ करती थी।
शहर में दो जगहों पर लगी पटाखा दुकानें
-दीपावली का मुख्य आकर्षण पटाखा की बाजार सज गयी है। शहर में दो प्रमुख स्थलों जीआईसी ओवरब्रिज के पास और गुलाबबाड़ी मैदान में आतिशबाजी की दुकानें लगी हैं। जीआईसी के पास 40 तो गुलाबबाड़ी मैदान में करीब 40 दुकाने लगी हैं। इस बार भी चीनी पटाखों की धूम है।चाइनीज पटाखों में महताब, फुलझड़ी, चुटपुटिया, चटाई, रॉकेट के अलावा लोगों को पटाखे वाली पतंग बहुत लुभा रही है।
पटाखा व्यवसायी चंचल सोनकर ने बतायाकि पटाखे बहुत महंगे हैं।दूसरे प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी अयोध्या को सील कर दिया गया है। इसके कारण बाहर से लोग खरीदारी करने नहीं आ पा रहे हैं जिससे पटाखा दुकानो पर धनतेरस के दिन 10 से 15 प्रतिशत ही व्यवसाय हो सका। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष दीपावली पर 7 से 8 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।