-निजी क्षेत्र के शैक्षिक संस्थाओं द्वारा किए जा रहे नवाचार तकनीकी विशेषज्ञता और निवेश की उपलब्धता से प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में उन्नयन होगा : डॉ0 दिनेश शर्मा
लखनऊ। सूबे के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां लोक भवन सभागार में सामाजिक दायित्वों के माध्यम से शैक्षिक उन्नयन हेतु माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के 5 कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। उन्होंने सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल ग्रुप के चेयरमैन श्री शिशिर जयपुरिया द्वारा प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के 10, हजार शिक्षकों के दक्षता संवर्धन हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम, ग्लोबल क्राफ्ट कानपुर के सहयोग से 1000 आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं को होम स्टडी टेबल का वितरण कार्यक्रम, वाइस प्रेसिडेंट एंड सर्किल हेड रिटेल ब्रांच बैंकिंग एचडीएफसी बैंक श्री अनुभव मीढ़ा के सहयोग से 30 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना, संस्थापक निदेशक इंस्टीट्यूट फॉर करियर इंस्टीट्यूट लखनऊ डॉक्टर अमृता दास के माध्यम से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 2500 शिक्षकों को वेबीनार के माध्यम से ढाई सौ शिक्षकों के समूह में छह दिवसीय निःशुल्क कैरियर काउंसलिंग क्षमता निर्माण हेतु शिक्षण तथा यू0पी0 डेस्को गोमती नगर, लखनऊ द्वारा लखनऊ मंडल के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की कंप्यूटर विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण के कार्यक्रम का बटन दबाकर शुभारंभ किया।
उपमुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में कारपोरेट सेक्टर की योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्प है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विद्यार्थियों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के शैक्षिक संस्थाओं द्वारा किए जा रहे नवाचार तकनीकी विशेषज्ञता और निवेश की उपलब्धता से प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में उन्नयन होगा।
डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश में छात्र छात्राओं को उच्च कोटि की अद्यतन जानकारी युक्त विषय वस्तु उपलब्ध कराने के लिए एनसीईआरटी के अनुरूप पाठ्य पुस्तकें लागू की गई हैं। प्रदेश की माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण के न्यूनतम 220 दिवस निर्धारित किए गए हैं ताकि शिक्षण अवधि में शिक्षक विद्यालयों में लगातार उपस्थित रहे और विद्यार्थियों की संप्राप्ति का स्तर बड़े। वर्तमान सरकार ने परीक्षा अवधि को कम किया है तथा परीक्षा केंद्रों की संख्या सीमित करने और पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण में सुगमता लाया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्रमांक की उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था, परीक्षा केंद्रों पर वॉइस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था, राज्य स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम से लगभग 2 लाख सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सभी केंद्रों की निगरानी जैसे समेकित प्रयासों से आज माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराई जा रही है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शी और नकल विहीन बोर्ड परीक्षाओं हेतु ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की व्यवस्था की गई है। कक्षा 9 व 11 के छात्र छात्राओं का आधार लिंक ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता के माध्यम से व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में लगभग 20 हजार शिक्षकों का चयन एवं पदस्थापन पारदर्शी एवं ऑनलाइन प्रणाली से किया गया। उन्होंने कहा कि पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से राजकीय हाई स्कूल इंटर कॉलेजों में कार्यरत अध्यापकों का स्वच्छ एवं पारदर्शी तरीके से स्थानांतरण किया गया। राज्य अध्यापक पुरस्कार की धनराशि में वृद्धि की गई। राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार की भांति वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को भी प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार प्रदान किए जाने की व्यवस्था करा कर अच्छे शैक्षिक वातावरण का सृजन किया गया।
डॉ शर्मा ने कहा कि मेधावी विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षा ग्रहण करने हेतु पंडित दीनदयाल उपाध्याय विशेष छात्रवृत्ति तथा बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रथम बार 01 लाख रूपये, एक टेबलेट व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की हाई स्कूल इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त मेधावी विद्यार्थियों को उनकी इच्छा अनुसार लोक निर्माण विभाग के माध्यम से गौरव पथ संपर्क मार्ग के निर्माण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने कोविड-19 की आपातकालीन परिस्थितियों में माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुरूप आपदा को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए तकनीकी आधारित पठन-पाठन की व्यवस्था विकसित की गई तथा स्कूल बंद होने के बावजूद ऑनलाइन शिक्षण कार्य संचालित किया गया। जन सामान्य की आकांक्षाओं के दृष्टिगत सरकार द्वारा प्रदेश के निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों से दी जाने वाली फीस को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत लगातार 2 सालों से कोई भी शुल्क वृद्धि नहीं की गई।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र छात्राओं को बिना किसी भेदभाव के गुणवत्ता परक शिक्षा देने के लिए सरकार कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 250 नए स्कूलों की स्थापना की गई जिनमें लगभग 166 दीनदयाल राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज बच्चों में प्रतिस्पर्धा आई है तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वृद्धि हुई है। वर्तमान सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि एवं उनमें सुदृढ़ता लाने के उद्देश्य से अच्छी व्यवस्था में परिवर्तन करके अनवरत सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की 5 कारपोरेट संस्थाओं द्वारा सीएसआर के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालयों में प्रस्तावित कार्यों के शुभारंभ से निजी क्षेत्र के शैक्षिक संस्थाओं द्वारा किए जा रहे नवाचार तकनीकी विशेषज्ञता और निवेश की उपलब्धता से प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में उन्नयन होगा।
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला ने सामाजिक दायित्वों से शैक्षिक उन्नयन हेतु कारपोरेट जगत से समस्त महानुभावों का स्वागत करते हुए आह्वान किया कि इससे प्रेरणा लेकर कारपोरेट जगत से जुड़े अन्य संस्थाएं भी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में अपना योगदान देंगी। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा का गुणवत्ता संवर्धन कर विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल लखनऊ द्वारा प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के दक्षता संवर्धन हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 01 हजार शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से जुड़े और प्रशिक्षण की बारीकियों को समझा। इंस्टीट्यूट फॉर वैरीयस सिटीज लखनऊ के माध्यम से राजकीय माध्यमिक विद्यालय में के शिक्षकों के कैरियर काउंसलिंग व क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक जनपद से 5-5 प्रधानाचार्य एवं अध्यापक ऑनलाइन जुड़े।
कार्यक्रम के दौरान उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीराम चौहान, सी0बी0एस0ई0 के पूर्व चैयरमैन अशोक गांगुली, सी0एम0एस0 के संस्थापक जगदीश गांधी तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं शिक्षक व छात्र/छात्राएं उपस्थित थे।