पर्यटन की संभावनाओं पर हुआ मंथन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग के टूरिज्म एंड हॉस्पिटलिटी मैनेजमेंट पाठ्यक्रम के तत्वावधान में पर्यटन दिवस पर ‘टूरिज्म एंड जॉब-ए बेटर फ्यूचर फॉर ऑल’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि पर्यटन उद्योग में निरंतरता की जरूरत है। हमें दूसरे देशों की कॉपी करने के बजाय स्वयं की सांस्कृतिक विशेषताओं पर फोकस करना होगा। भारत जैसी सांस्कृतिक विशेषता किसी और देश के पास नहीं है। कुलपति ने कुंभ और अयोध्या के दिव्य दीपोत्सव का उदाहरण देते हुए कहा कि इन आयोजनों में तो बड़ी संख्या में पर्यटक जुटते हैं, लेकिन अन्य दिनों में नहीं। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन कारणों की तलाश करनी होगी और फिर निदान भी खोजना होगा।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर के प्रदेश अध्यक्ष प्रतीक हीरा पर्यटन के क्षेत्र में अब नए किस्म के जॉब बने हैं। ऑनलाइन सेल्स, चैनल, ट्रैवल फोटोग्राफर समेत कई ऐसे नए रोजगारपरक अवसर है। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग, टिकटिंग और टूर बनाने से कहीं आगे बढ़ चुका है। इसी अनुरूप हमें पाठ्यक्रमों में भी समय के अनुसार बदलाव करना होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. प्रकाश चंद्र ने विभिन्न देशों की यात्रा का अनुभव साझा किया। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, यूनिर्वसिटी ऑफ इलेक्ट्रानिक साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, चाइना के प्रो. प्रभात दत्ता ने सांस्कृतिक व कम्युनिटी बेस्ड कल्चर टूरिज्म पर प्रकाश डाला। राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ डेवलपमेंट के निदेशक प्रो0 इन्दरजीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि यूपी में धार्मिक टूरिज्म बढ़ा है अब इको और मेडिकल टूरिज्म जैसे क्षेत्र विकसित हुए हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने कहा कि अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. आरएन राय ने पर्यटन उद्योग को संगठित क्षेत्र में लाने की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशुमान पाठक व आभार ज्ञापन डॉ. महेंद्र पाल ने किया। इस मौके पर प्रो. अशोक शुक्ला, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. हिमांशु शेखर सिंह, प्रो. चयन मिश्र, प्रो. आरके सिंह, कार्यपरिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह, डॉ. शैलेंद्र वर्मा, डॉ. राना रोहित सिंह, डॉ. संग्राम सिंह आदि थे।