-मुख्यमंत्री ने कोविड कमाण्ड कन्ट्रोल रूम से संक्रमण को रोकने हेतु उठाये गये कदमों की ली जानकारी
अयोध्या। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद के कोविड कमाण्ड कन्ट्रोल रूम में पहुंचकर कोविड संक्रमण को रोकने हेतु उठाये गये कदमों की जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक निर्देश दिये कि ग्राम निगरानी समिति व मोहल्ला निगरानी समिति के माध्यम से लक्षणयुक्त व्यक्तियों को तत्काल दवाओं की किट उपलब्ध कराते हुये उनका उपचार शुरू कराये तथा उनका कोविड टेस्ट भी करायें। इस दौरान लक्षणयुक्त व्यक्तियों को अपने घर परिवार से थोड़ी दूरी बनाकर अलग कमरों में रहने की सलाह भी कन्ट्रोल रूम से दी जाय। यदि कोविड टेस्ट में वह संक्रमित पाये जाते है तो संक्रमित व्यक्ति की स्थिति को देखते हुये उन्हें होम आइसोलेशन अथवा एल-1, एल-2 चिकित्सालय में भर्ती होने के लिए जानकारी दी जाय।
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग होम आइसोलेशन में है उनसे निरन्तर सम्पर्क बनाये रखा जाय। यदि उन्हें आक्सीजन या भोजन आदि की आवश्यकता होती है तो उन्हें आक्सीजन के साथ कम्युनिटी किचन से भोजन आदि उपलब्ध कराया जाय। तत्पश्चात मुख्यमंत्री जी कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के जनप्रतिनिधियों तथा प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त की। सभागार से ही मुख्यमत्री ने वर्चुअल माध्यम से मण्डल के अन्य जनपदों के प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से कोविड संक्रमण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के साथ आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले 38 हजार के लगभग व्यक्तियों के संक्रमण होने की रिपोर्ट प्राप्त हो रही थी जो अब घटते घटते प्रदेश में संक्रमित व्यक्तियों की रिपोर्ट 21 हजार तक पहुंच गयी है। संक्रमण के दरों में निरन्तर कमी मिल रही है। मैं आज अयोध्या मण्डल की समीक्षा के लिए आया था यहां पर जनपद के जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी थे बाकी अन्य जनपदों से मैं वर्चुअल के माध्यम से जुड़ा हूं। शासन ने कोरोना को हराने के लिए जो रणनीति बनायी है हर जनपद अपने स्तर से प्रयास कर रहा है तथा जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर सहयोग कर रहे है। जो विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की थी कि 5 मई से 10 मई के बीच में उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन एक लाख कोरोना पाजीटिव प्रतिदिन आयेंगे। प्रदेश के इस कोविड प्रबन्धन ने उन सभी आशंकाओं को र्निमूल साबित किया है। दूसरा प्रदेश वर्तमान में पूरे एग्रेसिब कैम्पेन के साथ इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। प्रथम वेब में हम लोगों को आक्सीजन की आवश्यकता नही पड़ी थी।
हर एक जनपद में समुचित व्यवस्था थी कहीं जनरेटर आक्सीजन थे कहीं पर्याप्त संख्या में आक्सीजन उपलब्ध था। चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में स्वयं आक्सीजन आती थी। केन्द्र व प्रदेश सरकारों को इसमें किसी भी प्रकार के सहयोग करने की आवश्यकता नही थी। प्रदेश की अपनी जो खपत 300 मीट्रिक टन आक्सीजन की आवश्यकता होती थी वह पूर्ववत स्वयं पूरी हो रही थी। ये सेकेण्ड वेब ने हमारे सामने एक नई प्रकार की चुनौती प्रस्तुत की। आक्सीजन की डिमांड अचानक बढ़ गयी। अयोध्या में भी हम लोगों को आक्सीजन भेजना पड़ रहा है। अयोध्या के आसपास के जनपदों में भी आक्सीजन जाता है। ये स्थिति हमारे सामने चुनौती थी। इसके लिए हम आभारी है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिन्होंने आक्सीजन आपूर्ति के लिए स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से टैंकर भेजकर आक्सीजन उपलब्ध करायी। आक्सीजन एक्सप्रेस चलवायी। एयर फोर्स के बड़े बड़े जहाजों के माध्यम से आक्सीजन के टैंकर भेजवायें। इस प्रकार प्रदेश में 1000 से ऊपर मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति करायी। लेकिन ये चुनौती केवल आपूर्ति तक ही सीमित नही था बल्कि आक्सीजन प्लांट भी स्थापित कराया।
अयोध्या मण्डल में 18 आक्सीजन प्लांट लगाने की चल रही कार्यवाही
सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अंदर 300 आक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। अकेले अयोध्या मण्डल में 18 आक्सीजन प्लांट लगाने की कार्यवाही चल रही है। जिसमें से 6 लग चुके है शेष की प्रक्रिया बढ़ चुकी है। इसमें पीएम केयर्स फण्ड से, सीएम केयर्स फण्ड, स्वास्थ्य विभाग के फण्ड से चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा सीएसआर से और प्रदेश के गन्ना विभाग के द्वारा भी हर एक जनपद में एक-एक आक्सीजन प्लांट लगाने की कार्यवाही चल रही है। अयोध्या मण्डल में भी इसको एक अभियान के साथ इस कार्यक्रम को लिया गया है। इसके साथ साथ हम लोगों ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद को आक्सीजन कन्सनटेटर भी उपलब्ध कराये है। इसके लिए लिक्विड आक्सीजन की आवश्यकता नही होती है। हर एक जनपद को उसकी आवश्यकता के अनुसार पहले चरण में उपलब्ध कराये गये है और आगे भी उपलब्ध कराने की कार्यवाही होगी।
इस पूरे अभियान के साथ कोविड के प्रथम चरण में भी प्रधानमंत्री ने भी कुछ मंत्र दिये थे कोविड को प्रभावी नियंत्रण करने के लिए कोविड कन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग को बढ़ावा देना और हर कन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग का 100 प्रतिशत टेस्टिंग करना और फिर उनको उसके स्थिति के अनुसार उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना बहुत सारे लोग है जिन्हें होम आइसोलेशन में उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। उनको होम आइसोलेशन के समय जिन्हें उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है उन्हें होम आइसोलेशन में ही मेडिकल किट भी समय से उपलब्ध हो जाय। जिन्हें आक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है उन्हें आइसोलेशन में ही आक्सीजन समय से उपलब्ध कराया जाय। जिन्हें मेडिको एल-1, एल-2 चिकित्सालय के बेड चाहिए उनको वहां पर उपलब्ध कराना इसके लिए प्रदेश सरकार ने 108 एम्बुलेंस की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस को कोविड के संक्रमित मरीज को घर से लाकर एल-1, एल-2 चिकित्सालय में भर्ती हेतु लगाया है। कोविड कार्य के लिए प्रदेश 1500 एम्बुलेंस लगायी गयी है इसके अतिरिक्त प्राइवेट एम्बुलेंस अलग है। सीएसआर से विभिन्न जनपदों को एम्बुलेंस उपलब्ध करायी गयी है वह अलग है। 350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस को भी इसके साथ जोड़ी गयी है। तो हम कह सकते है कि 2000 के आसपास एम्बुलेंस प्रदेश में कोविड के उपचार हेतु लगायी गयी है। जिससे रिस्पांस टाइम को कम किया जा सकें। एम्बुलेंस के साथ साथ एक आशंका और व्यक्त की जा रही थी कि पंचायत चुनाव के बाद गांव में स्थिति विस्फोटक होगी। हमारा पंचायत चुनाव 29 मई को सम्पन्न हुआ और 2 व 3 मई को मतगणना के कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद हम लोगों ने 5 मई से एक अभियान प्रारम्भ किया है।
निगरानी समितियों को गांव गांव में भेजना उनके द्वारा जो चिन्हित यानी लक्षण युक्त और संदिग्ध ऐसे जो भी मामले है उनके सभी के टेस्ट कराये जाये। टेसि्ंटंग की संख्या बढ़ायी गयी है अभियान के रूप में इसे लेने का प्रयास किया जा रहा है और इस अभियान के बहुत अच्छे परिणाम सामने आते दिख रहे है। यह अभियान एक सप्ताह तक चलेगा और इस एक सप्ताह के कार्यक्रम में हम लोग प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों को इस अभियान के साथ जोड़ रहे है ये अभियान शहरी क्षेत्रों में जो सामान्य टेस्टिंग होती रहेगी और यह भी उसी अभियान का हिस्सा है। निगरानी समिति के माध्यम से स्कैनिंग करना, ट्रेस करना फिर उन लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध कराना, उनकी टेस्टिंग कराना फिर क्वॉराटीन सेंटर में उनकी व्यवस्था कराना यह सभी कार्य उसी के साथ जुड़े हुये है जिससे प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अवमूल्य है उन्हें सुरक्षित करने की दिशा में एक अभियान के रूप में आगे कार्य करना है। भारत सरकार की मदद से हम अपने वैज्ञानिकों का अभिनन्दन करते है जिन्होंने देश को दो बैक्सीन देने का कार्य किया है। उत्तर प्रदेश में हम लोग वर्तमान में 1 लाख 1 करोड़ 40 लाख से अधिक लोगों को 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को बैक्सीनेशन दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान मण्डलायुक्तएमपी अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक डा0 संजीव गुप्त, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय सहित सांसद लल्लू सिंह व विधायकगण, महापौर, नगर आयुक्त आदि उपस्थित थे।