सीडीओ और विधायक ने भी किया एसएनयू वार्ड का निरीक्षण

अयोध्या। महिला चिकित्सालय की एसएनसीयू में भर्ती तीन शिशुओं की मौत पांच दिन के भीतर आक्सीजन के अभाव मे हो जोने के बाद सीएमओ ने सम्बंधित लोगों से पूंछतांछ किया और तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। वहीं आक्सीजन की कमी से तीन शिशुओं की मौत व तीन के पलायन की खबर को गम्भीरता से लेते हुए गुरूवार को देर शाम मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनन्द व अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता डफरिन अचानक पहुंचे। सूचना मिलने पर सीएमएस डा. ए.के. शुक्ला भी पहुंचे गये। सीडीओ और विधायक ने एसएनसीयू वार्ड में जाकर व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया उन्होंने अभिलेखों को भी सूक्ष्मता से देखा और इस बात की पुष्टि की वार्ड में भर्ती तीन शिशुओं की मौत होना अभिलेखों में दर्ज है। सीडीओ व विधायक ने चिकित्सालय प्रशासन को लापरवाही के लिए लताड़ा और भविष्य में इस तरह की लारवाही की पुनरावृत्ति न हो के लिए कडे निर्देश दिये।
इसके पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सी.बी. द्विवेदी सच्चाई से रूबरू होने के लिए जिला महिला चिकित्सालय पहुंचे और सीएमएस डा. ए.के. शुक्ला सहित बीईओ श्वेता जायसवाल व मैट्रन से भी पूंछतांछ किया। चिकित्सालय के सूत्र बताते हैं कि एसएनसीयू जहां नवजात शिशु भर्ती किये जाते हैं चार यूनिट स्पेशल आक्सीजन प्लांट लगा है। कहा जाता है कि यूनीसेफ के स्टाफ नर्स ट्रेनर डा. रूद्र दास को जांच के दौरान बीईओ श्वेता जायसवाल ने अवगत कराया था कि अर्से से केयर यूनिट में लगे आक्सीजन गैस प्लांट काम नहीं कर रहे हैं। इस बात की पुष्टि इस बात से भी होती है कि मामला उजागर होने के तत्काल बाद सीएमएस डा. ए.के. शुक्ला ने चाइल्ड केयर वार्ड में एक आक्सीजन सिलेंडर भेजवाया था जो इस बात की पुष्टि करता है कि वार्ड में लगे आक्सीजन प्लांट वास्तव में निष्किय हो चुके हैं। सीएमओ डा. सीबी द्विवेदी ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए शिशु मौत प्रकरण व निष्क्रिय आक्सीजन प्लांट के सम्बन्ध में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। जांच कमेटी में डा. ए.के. गुप्ता, डा. विनीता राय व डा. आशा राम को शामिल किया गया है। 15 दिन के भीतर जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट सीएमओ को देनी होगी। इस सम्बन्ध में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. ए.के. शुक्ला से बात की गयी तो उन्होंने मामले को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस खबर में सच्चाई नहीं है परन्तु वे यह नहीं बता पाये की यदि चाइल्ड केयर यूनिट में चार यूनिट आक्सीजन गैस प्लांट लगा था तो क्यों अलग से आक्सीजन सिलेंडर मामला उजागर होने के बाद वार्ड में भेजा गया। बताते चलें कि यूनीसेफ के डा. रूद्र दास ने निरीक्षण में पाया कि एसएनसीयू में लगे आक्सीजन गैस प्लांट निष्क्रिय हैं तो उन्होंने अभिलेखों को खंगाला तो पता चला कि वार्ड में भर्ती 22 शिशुओं में एक की मौत 1 नवम्बर को और 2 शिशुओं की मौत 5 नवम्बर को हुई थी। दूसरी तरफ मेडिकल कालेज लखनऊ को 3 शिशु जहां रिफर किये गये हैं वहीं 3 शिशुओं को उनके तीमारदारों द्वारा वहां से निकालकर प्राइवेट चिकित्सालय की केयर यूनिट में भर्ती कराया गया है।