– विविध आयोजनों में याद किए गए शहीद क्रांतिकारी
अयोध्या। चौरी-चौरा की घटना की शताब्दी वर्ष पर बृहस्पतिवार को जनपद में चौरी चौरा महोत्सव का आयोजन हुआ। सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों, जेल व विद्यालयों में वन्देमारम की गूंज रही। विविध आयोजनों के बीच शहीदों को यादकर पुष्पांजलि अर्पित की गई। जिला जेल परिसर में सुबह 9ः30 बजे चौरी चौरा महोत्सव के तहत वंदे मातरम कार्यक्रम हुआ। यहीं पर क्रांतिकारी अशफ़ाकउल्ला को अंग्रेजों ने सजा के मौत दी थी। चौरी-चौरा शताब्दी दिवस कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा वीर सपूत को पुष्पांजलि व सलामी से की गई। इस अवसर पर सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषि केश उपाध्याय, डीएम अनुज कुमार झा व कारागार अधीक्षक समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। वहीं शहीदों की स्मृति में देवा इंटर कॉलेज उसरू- अमौना में राष्ट्रगीत वंदे मातरम के गायन का विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने के अभियान से प्रेरित होकर विद्यालय प्रबंधक, प्रधानाचार्य, शिक्षकों व छात्र-छात्राओं द्वारा समूह गायन किया गया। छात्र- छात्राओं को इस विषय मे जानकारी दी गई। प्रबंधक सहदेव उपाध्याय ने बताया कि गोरखपुर स्थित चौरी-चौरा थाने में ब्रिटिश सिपाहियों के उत्पीड़न से आहत भीड़ ने थाने में आग लगा दी थी।जिसमें 22 सिपाही जलकर मर गए थे। यह घटना उत्पीड़न की प्रतिक्रिया थी जिसमें ब्रिटिश शासन ने इसमें शामिल भारत मां के सपूतों को सजा-ए-मौत दी। फैजाबाद के मंडल कारागार में क्रांतिकारी अशफ़ाक उल्लाह को फांसी दी गई। घटना के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार चौरी चौरा के शहीदों की स्मृति में शताब्दी वर्ष मना रही है। इस अवसर पर हमारे राष्ट्रगीत को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री की ओर से वर्चुअल माध्यम से की गई। जिसके बाद सामूहिक राष्ट्रगीत हुआ। मुख्य कार्यक्रम मंडल कारागार में हुआ। यहीं पर क्रांतिकारी अशफ़ाकउल्ला को अंग्रेजों ने सजा के मौत दी थी। अमर शहीद अशफाक उल्ला खां शहीद स्मारक स्थल मण्डल कारागार परिसर में आयोजित चौरी-चौरा शताब्दी दिवस कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा वीर सपूत को पुष्पांजलि व सलामी से की गई। अमर शहीद अशफाक उल्ला खां के साथ अमर शहीदों को याद किया गया। सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषि केश उपाध्याय, डीएम अनुज कुमार झा व कारागार अधीक्षक समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। वहीं अशफ़ाक़ उल्लाह खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने कहा कि सरकारी दल के लोग क्रांतिकारियों और जंगे आजादी के रणबांकुरों को याद करके जनविश्वास हासिल करना चाहते हैं। जबकि इनका कोई योगदान नहीं है। आरोप लगाया कि प्रदेश में शहादत स्थलों पर आयोजित होने वाले परम्परागत आयोजन पर सरकारी दल कब्जा करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। इस दौरान सलाम जाफरी, विक्रम निषाद, विकास सोनकर, विनीत कनौजिया, शफीक अहमद आदि थे।