वैज्ञानिक तकनीक से किया जा सकता है समस्याओं का निराकरण: प्रो. मनोज दीक्षित

by Next Khabar Team
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अवध विवि व एमप्री भोपाल के बीच हुआ एमओयू

अयोध्या। एमप्री हाई इण्ड साइंटिफिक इन्स्टूमेंट बेव समर्थित संचार सिस्टम तथा स्किल्स डवलपमेंट जैसे उद्देश्यों को लेकर सोमवार को डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या व एमप्री भोपाल के बीच एम0ओ0यू0 हस्ताक्षर का कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कौटिल्य सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर एमप्री के निदेशक डाॅ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, वैज्ञानिक डाॅ0 मनोज कुमार गुप्ता एवं कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित के बीच एम0ओ0यू0 हस्ताक्षर किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए एमप्री के निदेशक डाॅ0 अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने कहा की मैं सौभाग्यशाली हूं की मुझे अयोध्या की पावन धरती पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। एमप्री देश के विभिन्न विश्वविद्यालय एवं संस्थानों में शोध एवं एकेडमिक सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहता है। इस सहमति पत्र हस्ताक्षर होने के बाद डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं एमप्री के वैज्ञानिक परस्पर शोध एवं एकेडमिक कार्य हेतु एक दूसरे के यहां आ जा सकेंगे तथा साथ मिलकर शोध प्रोग्राम बनाने में सहयोग के साथ ही एमप्री हाई एंड साइंटिफिक इंस्टूमेंट, वेब समर्थित संचार सिस्टम तथा स्किल डेवलपमेंट में परस्पर सहयोग करने का कार्य करेंगे। निदेशक डाॅ0 श्रीवास्तव ने यह भी बताया की एमप्री और अवध विश्वविद्यालय भविष्य में सेमिनार, कान्फ्रेंस और वर्कशाॅप संयुक्त तत्वाधान में कराएंगें। प्रो0 श्रीवास्तव ने कहा की भारत प्रतिभा सम्पन्न युवाओं व वैज्ञानिकों से सम्पन्न होते हुए विश्व पटल पर तकनीकी का सबसे बड़ा उपयोग कर्ता है, ना की उत्पादन करने वाला। हमारे वैज्ञानिकों व युवाओं को निजी संसाधनों का उपयोग करके तकनीकी उत्पादन देश में ही करके आम जनता के जीवन स्तर को सुधार कर भारत को विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा कर सकते है। इस उद्देश्य हेतु हमारे उच्च तकनीकी संस्थानों को अन्य शिक्षण संस्थानों को साथ लेकर बेहतर तकनीक अपने ही देश में विकसित करना होगा और बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए विभिन्न औद्योगिक इकाईयों को संस्थानों से जोड़ने की महत्ता पर कार्य करने की आवश्यकता है। कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा की हमारे प्रदेश में जल प्रदूषण, बाढ़ की समस्या, औद्योगिक वेस्ट मैटेरियल की समस्या से ग्रसित है। जिसके समाधान के लिए हमें विज्ञान व तकनीकी के माध्यम से ही इन समस्याओं का निवारण किया जा सकता है। चीन व दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा की दोनों देश अपने ही संसाधनों का वैज्ञानिक तरीके से समुचित उपयोग करके विश्व पटल पर विकसित देश की छवि स्थापित किये है। कुलपति ने बताया की साइंस एवं इंजीनियरिंग में शोध को धार देने हेतु एडवांस्ड मैटेरियल एंड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमप्री) भोपाल के साथ एम0ओ0यू0 कर भौतिकी, प्रयुक्त भौतिकी एवं नैनो टेक्नोलाॅजी, प्रयुक्त रसायन शास्त्र, सिविल इंजीनियरिंग, इलेकीट्रकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, सूचना तकनीकी इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, मैटेरियल साइस, बायो साइंसेज, रिमोट सेंसिंग, रोबोटिक्स, रूरल टेक्नोलाॅजी के साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट में परस्पर ज्ञान एवं अनुभव के आदान-प्रदान का अवसर हो सकेगा।
इस एम0ओ0यू0 के सूत्रधार भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 के0के0 वर्मा ने आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा की विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग हेतु उच्च शिक्षण संस्थान के साथ एम0ओ0यू0 अर्थात सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुआ है। प्रो0 के0के0 वर्मा ने कहा की विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित के दिशा निर्देश में विगत वर्षों में लाइफ साइंस के विभिन्न विषयों यथा सूक्ष्म जीव विज्ञान, जीव रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान में शोध गुणवत्ता वृद्धि हेतु विभिन्न संस्थानों एवं विश्वविद्यालय एनबीआरआई लखनऊ, केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान लखनऊ, राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिकी संस्थान लखनऊ, सुगंध एवं सुरस विकास केन्द्र कन्नौज एवं कींग जार्ज चिकीत्सा विश्वविद्यालय लखनऊ से एम0ओ0यू0 कर गुणवत्तापरक शोध हेतु विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों को अवसर प्रदान करने का कार्य किया। कार्यक्रम के अंत में कुलपति द्वारा निदेशक डाॅ0 अवनीश श्रीवास्व व वैज्ञानिक डाॅ0 मनोज कुमार गुप्ता को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह व पुष्प देकर सम्मानित कीया गया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ला, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो0 आर0 के0 तिवारी, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय व कुलानुशासक प्रो0 आर0एन0 राय, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 चयन कुमार मिश्रा, प्रो0 सिद्वार्थ शुक्ला, प्रो0 मृदुला मिश्रा, डाॅ0 आर0 के0 सिंह, डाॅ0 गीतिका श्रीवास्तव, डाॅ0 नरेश चैधरी, डाॅ0 सिन्धु सिंह, डाॅ0 अनिल यादव, डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार, डाॅ0 विनोद चैधरी, सुधीर कुमार, डाॅ0 अश्विनी कुमार, डाॅ0 संजीव कुमार सिंह, विवेक अमलानी सहित शिक्षक, छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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