-अयोध्या व श्री राम भाजपा की ठेकेदारी नहीं : सतीश चन्द्र मिश्र
अयोध्या। बहुजन समाज पार्टी ने रामनगरी अयोध्या में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन का नाम बदलकर शुक्रवार को प्रबुद्ध समाज के सम्मान, सुरक्षा व तरक्की विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी के जरिये 2022 के विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया। विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्र ने अयोध्या पहुंचकर पहले रामलला के दरबार में हाजिरी लगायी उसके बाद हनुमानगढ़ी के दर्शन व सरयू का पूजन कर संतो का आशीर्वाद लिया। जिसके बाद वह देवकाली बाईपास स्थित ताराजी रिसॉर्ट में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग की विचार संगोष्ठी में शामिल हुए जहां वह भाजपा सरकार पर जमकर बरसे।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अयोध्या के लिए कुछ नहीं किया वह आज भी राम के नाम को राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रही है। उनकी मंशा है कि जब जैसे चाहेंगे, उस तरह इस नाम का इस्तेमाल करेंगे। अयोध्या व श्रीराम भाजपा की ठेकेदारी नहीं हैं। यहां दर्शन-पूजन करने के लिए हमें उनकी परमिशन की जरूरत नहीं है। आज हम अयोध्या में श्रीराम, बजरंगबली की पूजा व मां सरयू का आचमन करके आपके बीच आए हैं और समाज के प्रबुद्घ लोगों के बीच जनजागरण की शुरूआत कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि मैंने बसपा मुखिया बहन मायावती से अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की अनुमति मांगी तो उन्होंने सहर्ष दे दी। उनकी अनुमति के बाद भाजपा के लोगों ने कई प्रश्न भी खड़े किए लेकिन, मैंने जवाब दिया कि अयोध्या और प्रभु श्रीराम हमारे आराध्य हैं, उनके दर्शन-पूजन के लिए हमें भाजपा व अन्य किसी से परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। कहा कि पांच अगस्त को बिना किसी मुहूर्त के मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया जबकि वह अशुभ दिन था। इसके लिए अयोध्या के वरिष्ठ साधु-संतों से सलाह तक नहीं ली गई। आज एक साल से ज्यादा समय हो गया है अभी कार्य शुरू भी नहीं हुआ है। मंदिर कब बनेगा, इसका किसी को पता नहीं है। मिश्र ने कहा कि जबसे अयोध्या में कदम रखा है तबसे बहुत से प्रश्न गूंज रहे हैं। आज भी अयोध्या वैसी ही है जैसे पहले थी। हमने वर्ष 2007 में पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद अयोध्या का बहुत ख्याल रखा था यह सभी जानते हैं। आज भाजपा ने क्या किया यह भी सब जान रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो यह सुप्रीम कोर्ट की देन है। भाजपा का इसमें कोई योगदान नहीं है। यह तय है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण बसपा के कार्यकाल में ही पूरा होगा।
बसपा की सरकार बनी तो चंदे का होगा हिसाब
-बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि बीते 20 साल में भाजपा व उसके सहयोगियों ने मंदिर के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये चंदा जमा किया है। यह रुपये कहां गए, इसका किसी के पास हिसाब नहीं है। आज जब मंदिर बनने वाला है तो इन लोगों ने फिर से चंदा मांगना शुरू कर दिया है। क्या बिना चंदे के मंदिर निर्माण नहीं हो सकता। 2022 में बसपा की सरकार बनने पर इनसे चंदे की एक-एक पाई का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से 2007 के बीच प्रदेश का ब्राह्मण समाज हाशिए पर था। तब हमने सोचा था कि जिस समाज में हमने जन्म लिया है, उसके लिए कुछ करना चाहिए। तब हमने ब्राह्मणों का खोया सम्मान वापस दिलाने की शपथ ली थी। उन्हें जागृत किया गया और बताया गया कि वह भले ही प्रदेश में 13 फीसदी हैं, लेकिन वह अगर एक हो जाएंगे तो उन्हें कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। वर्ष 2007 में ऐसा ही हुआ भी जब 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित ने मिलकर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। बहन जी ने चुनाव से पहले ही कहा था कि जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। अपनी बात पर कायम रहते हुए उन्होंने सरकार बनने के बाद 15 ब्राह्मणों को मंत्री, 35 को राज्यमंत्री का दर्जा, 15 को विधान परिषद सदस्य बनाया। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी समेत अन्य प्रमुख पदों पर ब्राह्मण अधिकारी को तैनात किया गया। यही नहीं इस चुनाव में 45 ब्राह्मण विधायक भी बने थे।
उन्होंने ब्राह्मण समाज से अपील की कि आप भगवान परशुराम व चाणक्य के वंशज हैं। मन से भय निकालो। बंटवारा भूल जाओ, तभी बड़ी शक्ति बनोगे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा में ब्राह्मण नेता गुलदस्ता बने हुए हैं। जब भी गोली मारी जाती है घर गिराए जाते हैं, बुलडोजर चलाए जाते हैं तो यह बिल से निकलकर बाहर आते हैं और कहते हैं अच्छा हुआ। जबकि हाल यह है कि विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण लोग अपना कार्य नहीं करा पा रहे हैं। तिलक-तराजू और तलवार… जैसे नारे का प्रयोग बसपा ने कभी नहीं किया, जबकि इसका प्रयोग कर भाजपा प्रबुद्घ वर्ग का अपमान कर रही है। इनके लोग अपमानित होकर हमारे पास आते हैं, कहते हैं कि नहीं बोलेंगे तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में फिल्मी स्टाइल में एनकाउंटर हो रहे हैं पहले रोको फिर जात पूछो उसके बाद ठोंक दो। बीते साढ़े चार साल में प्रदेश में गाड़ी फिसलने व शूटआउट में 400 से ज्यादा ब्राह्मणों की हत्या की गई है। उन्नाव का कांड व लखनऊ का विवेक तिवारी कांड इसका मुख्य उदाहरण है। सरकार बनने पर इन सभी एनकाउंटरों को पूरा हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खुशी का क्या कसूर था, शादी के दो दिन बाद पुलिस ने उसके साथ बर्बरता करते हुए अरेस्ट कर लिया और जेल में ठूंस दिया। बाद में उसके नाबालिग साबित हो जाने के बाद उसे बाराबंकी भेज दिया गया। यही नहीं उसे जमानत न मिले इसके लिए अधीक्षिका से पत्र लिखवाया गया कि दो कमरों में 48 लड़कियां हैं जिनमें 47 लड़कियां कहती हैं कि खुशी उन्हें धमकी देती है। यह कैसी सोच व मानसिकता है। बसपा महासचिव ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम, बजरंगबली व मां सरयू का पूजन करने के दौरान उनसे निवेदन किया कि प्रभु सरकार में बैठे लोगों को सदबुद्धि दें। वह समाज को न बांटे, ब्राह्मणों-दलितों का सम्मान करें, उनका उत्पीड़न न करें।