-चेतनानंद द्वारा लिखित पुस्तक में भौतिक्ता से आध्यात्मिकता का दर्शन
अयोध्या। अयोध्या शहर के एक होटल में स्वयं की खोज पुस्तक का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि नाका हनुमान गढ़ी के मंहत रामदास व भाजपा विधायक रामचंद्र यादव रहे। राजस्थान के वेदांग गुरुकुलम प्रचारक चेतनानंद के द्वारा लिखित पुस्तक में भौतिकता से आध्यात्मिकता का दर्शन मिलता है। चेतनानंद ने बताया कि संतो के साथ रहकर यात्राओं के माध्यम से एवं तमाम ग्रंथों का अध्ययन करने के बाद, अपने 40 वर्ष की अनुभव को लगभग नौ माह में यह पुस्तक लिखी है।
फिर मेरे मन में विचार आया इस पुस्तक का विमोचन भगवान राम की नगरी अयोध्या में भी करेंगे और आज मेरा सपना पूरा हुआ। मैं लगभग 6 साल से सद्गुरु रितेश्वर महाराज के सानिध्य में है मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। संतों का धरती पर विशेष महत्व है यदि संत इस पृथ्वी पर नहीं होते तो सनातन नहीं होता संतों का आदर करना चाहिए। हम सभी ईश्वर की संतान हैं यह किताब हमें प्रेरणा देगी कि आध्यात्मिक रास्ते पर कैसे चले इंसान जागे और स्वयं की खोज करें भौतिक जीवन की यात्रा करते हुए अपने आप को पहचाने। यह किताब महज किताब ही नहीं एक जीवन बदलने वाला यंत्र भी है।
रुदौली विधायक रामचंद्र यादव ने कहा कि अयोध्या की धरती पर चेतनानंद का स्वागत है जिन्होंने ने वर्षों के प्रयास से एक ग्रंथ के रूप में पुस्तक उपलब्ध कराई है, यह पुस्तक एक अमूल्य निधि हैं ऐसे ग्रंथ समय समय पर रास्ता दिखाने का काम करते हैं। अध्यात्मिक क्षेत्र में रहने वाले संत पूज्य हैं, इन पुस्तकों के द्वारा भौतिक जीवन में कुछ न कुछ सीखते हैं । अयोध्या नाका हनुमानगढ़ी के मंहत रामदास ने कहा कि चेतनानंद ने स्वयं की खोज पुस्तक का लोकार्पण करने के लिए अयोध्या को चुना ये शौभाग्य की बात है, अयोध्या त्याग उदार और तप की भूमि है, अयोध्या युद्ध की भूमि नहीं है अपितु राम की भूमि है ।
बच्चों को अच्छी शिक्षा की जरूरत होती है इस पुस्तक में ज्ञान वैराग्य योग शिक्षा सभी का संगम है, और इस तरह की पुस्तकें और लिखने की जरूरत है और आप लोग लिखते रहे। वरिष्ठ पत्रकार रोहित तिवारी ने चेतनानंद का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि समाज को एक नई दिशा देने वाली पुस्तक की जरूरत है जिससे युवाओं में अध्यात्म को समझने का मौका मिले इस तरह की पुस्तक और भी लिखने के लिए निवेदन किया।