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जमथरा के किसानों की ओर से भाजपा नेता शरद पाठक बाबा ने खोला मोर्चा

-कहा-माझा जमथरा के किसानों को लड़नी पड़ रही अपने अस्तित्व की लड़ाई, गलत तथ्यों के आधार पर किसानों को गुमराह कर रहा एडीए

अयोध्या। रामनगरी में रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सबसे ज्यादा मामले जमीन को लेकर उभर रहे है। माझा बरहेटा मामला अभी चल ही रहा है अब माझा जमथरा का प्रकरण सामने आया है। माझा जमथरा के किसानों की ओर से वरिष्ठ भाजपा नेता व मित्रमंच के प्रमुख शरद पाठक बाबा ने मोर्चा खोला है।

रविवार को पत्रकारवार्ता कर अयोध्या विकास प्राधिकरण पर गलत तथ्य पेश करके अयोध्या वासियों को लगातार गुमराह करने का आरोप लगाया है। वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि अफसरों की करतूतों से भाजपा लोकसभा चुनाव हारी है। अगर यही हालात रहे तो आगे के चुनाव परिणाम भी इसी तरह रहेंगे।

अयोध्या विकास प्राधिकरण पर भाजपा नेता ने लगाए गम्भीर आरोप

शरद पाठक बाबा का कहना है कि 1528 से लेकर सुप्रीम कोर्ट का 9 नवंबर 2019 को फैसला आने तक जिस प्रकार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ने अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी थी, आज उसी प्रकार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और गुप्तार घाट के बीच सरयू नदी तट पर बसे माझा जमथरा के किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं। इसका कारण और कोई नहीं अयोध्या विकास प्राधिकरण और अयोध्या के जिला प्रशासन की अनदेखी है।

भाजपा नेता ने कहा कि अफसरों की ऐसी तानाशाही रवैये और अनदेखी के चलते, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी जी की छवि को अयोध्या में धूमिल करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इनकी हरकतों का परिणाम भुगतना पड़ेगा। बताया कि माझा जमथरा में नवनिर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के परिसर में नियमों की अनदेखी करते हुए और बिना मानचित्र स्वीकृत कराए तीन मंजिला, दो भवनों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। जबकि निजी भू स्वामी अगर झोपड़ी भी बनाना चाहें तो नहीं कर सकते। अयोध्या विकास प्राधिकरण अपने ही नियमों और महायोजना 2031 के प्रावधानों को दरकिनार करके, गलत तथ्यों का हवाला देते हुए किसानों के कार्यों को रोक देता है।

भाजपा नेता ने अयोध्या विकास प्राधिकरण की गिनाईं करतूतें

शरद पाठक बाबा ने बताया कि जुलाई 2022 में एडीए ने माझा जमथरा की जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दिया था। किसानों ने कोर्ट की शरण ली तो प्राधिकरण बैकफुट पर आया। इसी तरह जमथरा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है जबकि महायोजना 2031 में इसी क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित नहीं माना।

इसी तरह माझा जमथरा को ग्रीनबेल्ट (हरित पटटी) प्रचारित किया गया जबकि महायोजना में हाइवे के किनारे 15 से 60 मीटर तक पेड़ पौधे लगाने को हरित पट्टी विकसित किया जाना है। यहां निर्माण प्रतिबंधित बताया जा रहा जबकि भूमि का उपयोग पार्क एंड ओपेन एरिया अंतर्गत है।

शरद बाबा का आरोप यह भी है कि टाटा समूह को अभी हाल में ही जमथरा में 800 विस्वा जमीन महज 1 रुपये में 90 साल के लिए लीज पर दी गई। अदानी ग्रुप ने यहीं 80 बिस्सा जमीन रजिस्ट्री कराई। इसी प्रकार जिंदल ग्रुप को भी 207 करोड़ की परियोजना के लिए जमीन दे दिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व मित्रमंच प्रमुख शरद पाठक बाबा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को विस्तार से शिकायत पत्र भेजा है।

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