रामायुग के पौधों का पक्षी विहार में होगा रोपण, सीमेंट सरिया की जगह मिट्टी से होगा कायाकल्प
सोहावल। तहसील क्षेत्र कोला मोइया कपूरपुर झील को पक्षी विहार के नाम से प्रसिद्ध नगर विकास प्राधिकरण ने वीड़ा उठाया है। एक दशक से उपेक्षित विहार को साक्षेप में ठेकेदार ने मूर्तरुप देने का काम शुरू कर दिया। लगभग 67 हेक्टेयर में फैली देश विदेश के पक्षियों के आवागमन शरणास्थली की उनके ठहराव होने एक मात्र झील का प्रयर्टक स्थल से जोड़ने की कवायद नैना देवी झुनझुन वाला के प्रस्ताव पर 9 करोड रुपये खर्च पर छः माह में पूरी होगी।इंटर नेशनल वर्ड सेंचुरी बैंगलूर संस्था द्वारा नेचुरल प्रकृतिक एव उद्यान स्थल एक सदियों पुरानी यादों को यादगार साबित करेगी।ज्यादा आक्सीजन देने वाले पौधों का रोपण होने से क्षेत्र के प्रयावरण में भी सुधार दिखाई देगा ।
नगर उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि राम मंदिर अयोध्या धाम से जोड़ने में तथा प्रयर्टको को दार्शनिक स्थल बनाने के लिए सभी कार्य भारतीयता के आधार पर होगे। अधिकतर मिट्टी का उपयोग कर वाच टावर रामायुग के पौधो का पौधरोपण किया जाएगा। पक्षियों के रखरखाव के लिए चारों ओर से खाई बनाकर जल भराव तथा जल की स्वच्छता के लिए पानी के आवागमन सदैव ठहराव निकासी का भी इंतजाम पुख्ता होगा। यह सभी कार्य योजना में सीमेंट, सरिया विहीन मिट्टी से निर्मित कर की जाएगी। अयोध्या धाम से जुडे होने के कारण रामायुग को ध्यान में रखकर यादें ताजा करने मे दार्शनिक स्थल बनेगा। सौंदर्यकरण होने से देश विदेश से आने वाले राम भक्त मेहमानों के लिए नेचुरल पार्क दार्शनिक स्थल होगा।
विदेशों से पक्षियों को पालने का काम और पानी के आभाव पलायन करने वाले पक्षी का पलायन रूक्का। बैठने के लिए भी मिट्टी का टीला बनाया जाएगा। आने वाले दर्शकों को आवागमन सुलभ हो उसके लिए सोहावल चौराहा से मसौधा होते हुए अयोध्या तक जोड़ने चौडीकरण सडक,बनाने का भी प्रस्ताव भी भेजा गया है।इस योजना को छः माह का समय हैसजिसे उक्त बैंगलोर की संस्था द्वारा चार माह मे पूरा करने की उम्मीद है।