“राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका” राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के समाज कार्य एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा संत कबीर सभागार में ”राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम में सरकारी/गैर सरकारी संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संगठनों की भूमिका” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि अयोध्या नगर के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि भारतीय होटल संस्थान लखनऊ के प्रो0 तरूण बसंल तथा मुख्य वक्ता के रूप में इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के प्रो0 आर0बी0एस0 वर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अयोध्या नगर के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि स्वच्छता एक महत्वपूर्ण विषय है महात्मा गांधी के महान उद्श्यों में स्वच्छता एक प्रमुख विषय था। इसी को दृष्टिगत रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री द्वारा गांधी जी 150 वीं जयंती के अवसर पर सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान चलाया। स्वच्छता की मुहिम को अपार जन समर्थन मिला। जैसा कि धर्मग्रन्थों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जहां स्वच्छता होगी वहीं ईश्वर का वास होगा। अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि स्वच्छता अभियान ने पूरे भारत वर्ष में जनजागरण का कार्य किया है। भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कूड़ा प्रबन्धन की है। इस संदर्भ में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। इस चुनौती के व्यावहारिक पक्ष पर ेकाफी ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रो0 दीक्षित ने बताया कि भारत में प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग पर्यावरण के साथ-साथ जनस्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। अंधाधुंध प्लास्टिक के उत्पादन एवं प्रयोग पर अंकुश लगाना आवश्यक है तभी हम पर्यावरण को सुरक्षित कर पायेंगे। भूटान जैसा देश एक बेहतर पारम्परिक तकनीक का प्रयोग कर कूड़ा प्रबन्धन पर सफलता पायी है। भारत की राजधानी दिल्ली के कूड़ा प्रबन्धन पर प्रो0 दीक्षित ने बताया कि इस नगर के निकट ही कूड़े का ढेर पहाड़ के सदृश्य रूप ले चुके है जिसका निस्तारण एक गंभीर समस्या बन गई है। यह एक पर्यावरणीय चुनौती भी है क्योंकि प्लास्टिक सैकड़ों वर्षों तक नष्ट नहीं होती इससे पृथ्वी की उर्वरा शक्ति पर भी कॉफी बुरा असर पड़ता है। इससे भूजल भी दूषित होता है। स्वच्छता अभियान से जनजागरूकता तो बढ़ी है अब इसे एक मिशन के रूप में सभी को अपनाने की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता प्रो0 आर0बी0एस0 वर्मा ने कहा कि भारत में नगरीय विकास पर प्रकाश डालते हुए हड़प्पा और मोहन जोदड़ो जैसे नगरों के संदर्भ में बताया कि हमारी प्राचीन सभ्यता कितनी समृद्ध एवं कुशल थी जिससे आज भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। जल प्रबन्धन, अपशिष्ट प्रबन्धन जैसी सुविधा हजारों वर्ष पूर्व उन प्राचीन नगरों में थी। आज उन प्राचीन नगरीय सभ्यताओं काफी कुछ सीखनें की आवश्यकता है। प्रो0 वर्मा ने बताया कि आज भारत सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर निर्मल भारत अभियान एवं निर्मल ग्राम पंचायत के स्तर पर काफी जोर दे रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय होटल संस्थान लखनऊ के प्रो0 तरूण बसंल ने भारत सरकार के स्वच्छता के मुहिम में संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के संयोजक डॉ0 विनय कुमार मिश्र ने दो दिवसीय संगोष्ठी के उद्ेश्यों पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का स्वागत किया। संगोष्ठी में गोवा की राज्यपाल एवं राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान की ब्रांड अम्बेसडर डॉ0 मृदुला सिन्हा का स्वच्छता संदेश का प्रसारण किया गया। उद्घाटन सत्र में कुलपति एवं अतिथियों द्वारा संगोष्ठी स्मारिका का विमोचन भी किया गया। स्वच्छता जागरूकता एवं सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई लोगों को कुलपति जी द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन माइक्रोबायोलॉजी एवं संगोष्ठी के कोषाध्यक्ष डॉ0 शैलेन्द्र कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विभाग के शिक्षक डॉ0 दिनेश कुमार सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 लाल साहब सिंह, प्रो0 एस0एस0 मिश्र, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 फारूख जमाल, डॉ0 विनोद चौधरी, डॉ0 शैलेन्द्र वर्मा, डॉ0 वन्दिता पाण्डेय, डॉ0 नीलम सिंह, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 आर0एन0पाण्डेय, डॉ0 बृजेश भारद्धाज, इं0 विनीत सिंह, जनसम्पर्क अधिकारी आशीष मिश्र डॉ0 अनिल विश्वा सहित अन्य शिक्षक एवं प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।