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ज्ञान के भंडारक थे भारत रत्न डॉ अंबेडकर : डॉ. बिजेंद्र सिंह

कृषि विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनी बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वी जयंती

मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में शुक्रवार को भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 132वी जयंती धूमधाम से मनाई गई। यह कार्यक्रम पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में मनाया गया। जयंती समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ अंबेडकर ज्ञान के भंडारक होने के साथ-साथ एक अच्छे समाज सुधारक भी थे। परिस्थितियों के अनुरूप उन्होंने संविधान की रचना की थी जो आज भी विद्यमान है। डॉ बिजेंद्र ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन संघर्ष में बिताया।

उनके आदर्शों को सभी को आत्मसात करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली से पधारे नैक के सहायक सलाहकार डॉ. निलेश पांडेय ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक सुधारक होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक भी थे। वे नौ भाषाओं के जानकार थे और विश्व के सभी धर्मों के रूप में उन्होंने पढ़ाई भी की थी। निदेशक प्रसार डॉ ए पी राव ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन शुरू से ही संघर्ष में बीता। शिक्षा के प्रति उनके अंदर एक अलग जुनून था और उन्होंने 36 किताबों को लिखा। वैज्ञानिक डॉ आर के दोहरे ने कहा कि बाबासाहेब ने सभी समाज के लोगों के लिए काम करते हुए विश्व का संपूर्ण संविधान दिया है।

बाबासाहेब के लिखे संविधान से आज पूरा देश चल रहा है। हम सभी को उनके आदर्शों व दिखाए गए मार्गो पर चलना चाहिए। इस दौरान अंकित, नंदिनी सिंह सहित कई छात्र-छात्राओं ने भी बाबा साहेब के विचारों पर प्रकाश डाला। जयंती समारोह से पूर्व डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ डी. के द्विवेदी के संयोजन में हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में सह आयोजक सचिव डॉ भानु प्रताप, डॉ उमेश चंद्र व डॉ एस सी विमल की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ सीताराम मिश्रा व धन्यवाद ज्ञापन डॉ शंभू प्रसाद ने किया। जयंती समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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